पटनाः लालू यादव को चारा घोटाला में सजा (Lalu Yadav Convicted in Fodder Scam) होने के साथ ही बिहार में सियासत तेज हो गई है. कल राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक बयान जारी करके कहा था कि चारा घोटाला मामले में जो लोग याचिकाकर्ता थे, वह लालू प्रसाद यादव के साथ हैं और वही लोग हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किए थे. इस बयान को लेकर कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने सुशील मोदी पर पलटवार किया है.
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'सुशील मोदी अपने आप को सुर्खियों में रखने के लिए चारा घोटाला पर इस तरह का बयान दे रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी में उनकी वैल्यू घटी है. कहीं ना कहीं अपने साख को बढ़ाने के लिए वह इस तरह का बयान दे रहे हैं. यह सब लोग जानते हैं कि चारा घोटाला मामले को किसने न्यायालय में ले जाने का काम किया था. सब कुछ कागज पर अंकित है. बावजूद इसके पता नहीं क्यों, सुशील मोदी इस तरह का बयान देते हैं.'-प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस विधान पार्षद
प्रेमचंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि शिवानंद तिवारी, प्रेमचंद मिश्रा का तो नाम सुशील कुमार मोदी लेते हैं, लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का नाम वह क्यों नहीं लेते हैं. उनका नाम लेने में उन्हें निश्चित तौर पर डर लग रहा है. सुशील मोदी चारा घोटाला को लेकर कई बातें कर रहे हैं तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि भाजपा, जदयू ने किन कारणों से शिवानंद तिवारी को मंत्री तक बना दिया था. इन सब बातों का वह जिक्र नहीं करके सिर्फ और सिर्फ अपनी राग अलाप रहे हैं और कहीं ना कहीं जो साथ बीजेपी में उनका साख खोया हुआ है, उसको लौटाना चाह रहे हैं.
अभी भी वो बीजेपी कार्यकर्ताओं को बताना चाह रहे हैं कि वे सक्रिय हैं. सच यही है कि भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार से नजदीकी होने की सजा उन्हें दी है. उन्हें सांसद बनाकर दिल्ली में बैठने के लिए कहा है. इस तरह की राजनीति करने से या बयान देने से सुशील मोदी का कुछ नहीं होगा. वे जहां हैं, जिस स्थिति में हैं, भाजपा उन्हें उसी स्थिति में रखेगी.
बता दें कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने आज 5 साल की सजा सुनाई है. रांची में फैसला सुनाया गया. 15 फरवरी को दोषी करार दिये गए थे. 1990 से 1996 के बीच का मामला है. 139.25 करोड़ निकाले गए थे. चारा घोटाला के अन्य चार मामलों में भी लालू यादव को सजा हुई थी लेकिन आधी सजा काटने के बाद अप्रैल 2021 में वे बाहर आ गए थे. अस्वस्थ चल रहे थे, इसलिए मेडिकल ग्राउंड पर बेल मिला था. फिलहाल वह रांची के रिम्स अस्पताल में हैं. 15 फरवरी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया था लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण उनको जेल भेजने की बजाए अस्पताल में रखा गया है. राजद का कहना है कि लालू जी को साजिश के तहत फंसाया गया. इसके बाद से बिहार में सियासत शुरू है.
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