पटना:बिहार में 50 के उम्र पार कर चुके सरकारी कर्मियों के कार्य पर नजर रखी जाएगी. इस दौरान कार्य करने में जो भी कर्मचारी सक्षम नहीं होंगे उन्हें रिटायरमेंट दिलवाया जाएगा. सरकार के इस फैसले पर राज्य में सियासत जारी है. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगी है, तो सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष पर पलटवार कर रहे हैं.
विपक्ष की ओर से बिहार सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि ये सरकार का तुगलकी फरमान जारी कर रही है. सरकार लोगों के हित में काम करने के बजाय उसे परेशान करने में लगी है. लोगों को जबरदस्ती रिटायरमेंट देकर उसके साथ और उसके परिवार के साथ नाइंसाफी की जा रही है. विपक्ष के इस तरह से आरोपों से परे सरकार इसे जरूरी मान रही है.
"ये तो अच्छी बात है कि सरकार काम नहीं करने वालों को रिटायरमेंट दे रही है. सरकार अगर वेतन दे रही है तो काम भी होना चाहिए. जो काम नहीं कर पा रहे हैं, उसे रिटायरमेंट मिलना ही चाहिए. रही बात विपक्ष की तो उसके पास कोई मुद्दा नहीं है. सरकार के अच्छे कामों को लेकर भी विपक्ष की ओर से अनाप-शनाप बयानबाजी की जाती है."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी
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जनता के हित में किया जा रहा काम
इसके अलावा प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि हमारी सरकार ने 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वायदा किया है. इसको लेकर कई विभागों में कार्य भी जारी है. एफबीओ के माध्यम से लोगों को रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है. विपक्ष को अपनी चिंता करनी चाहिए, एनडीए की सरकार प्रेदश की जनता के हित में लगातार काम कर रही है.