पटना: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पीएमसीएच का दौरा किया. इस दौरान प्रधान सचिव ने रविवार को कोरोना वार्ड से हुए ब्लंडर के बारे में भी जानकारी ली और अब तक किस दिशा में जांच चली है, इसकी भी जानकारी ली.
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जिंदा मरीज को बताया था मृत
बता दें रविवार को पीएमसीएच में जिंदा मरीज को मृत बताकर उसके परिजनों को दूसरे की डेड बॉडी सौंप दी गई थी. इस मामले में काफी बवाल मचा था और अस्पताल अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए हेल्थ मैनेजर अंजली कुमारी को बर्खास्त कर दिया.
लोगों से बात करते प्रधान सचिव मामले की लीपापोती की कोशिश की गई. लेकिन देर रात जब डीएम ने इस मामले पर संज्ञान लिया तो, पीएमसीएच प्रबंधन ने तीन विभागों के अध्यक्षों की एक टीम गठित की. इस टीम को 3 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपनी है. पीडियाट्रिक्स, मेडिसिन और एनेस्थीसिया विभाग के विभाग अध्यक्ष इस जांच टीम में शामिल हैं.
आइसोलेशन वार्ड का किया निरीक्षण
स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव ने पीएमसीएच के कोरोना वार्ड में सीसीटीवी कैमरा के साथ ही रजिस्टर की भी जांच की. उन्होंने सर्जिकल इमरजेंसी के नए भवन में पीएमसीएच के डॉक्टरों के लिए बन रहे 22 बेड के आइसोलेशन वार्ड का भी निरीक्षण किया. इसके साथ ही कोरोना मरीज के परिजनों से भी हालचाल पूछा.
परिजनों से पूछा कि क्या उन्हें सुबह-शाम सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मरीजों की हालत को दिखाया जाता है. ऐसे में कई परिजनों ने कहा कि ऐसा कुछ आज तक नहीं हुआ है. रविवार के दिन जिस चुन्नू कुमार को मृत बताकर उसका डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था, उसके परिजनों से भी प्रधान सचिव ने बात की.
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इलाज में बरती जा रही लापरवाही
चुन्नू कुमार के भाई सदानंद सुधाकर ने बताया कि कल जब से उन लोगों ने हंगामा किया है, उन लोगों से अस्पताल के कर्मचारी अच्छे तरीके से बिहेव नहीं कर रहे. इलाज में भी लापरवाही बरती जा रही है. अस्पताल की सिस्टर्स उन्हें मरीज के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही हैं और पूछने पर बार-बार आपस में यही जिक्र कर रहे हैं कि इन्हीं लोगों ने कल हंगामा किया था.
सदानंद सुधाकर ने बताया कि कल रात में उनके मरीज आइजे वार्ड के बेड नंबर 9 पर एडमिट थे और जब सुबह वह पहुंचे और अपने मरीज का हाल जानने की कोशिश की तो बताया गया कि इस बेड पर कोई मरीज ही नहीं है. फिर से अफरा-तफरी मची और बाद में बताया गया कि 34 नंबर बेड पर उनका मरीज है. डॉक्टर आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने के बाद ही डिस्चार्ज करने की बात कर रहे हैं.
उचित इलाज करने का निर्देश
ऐसे में अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन्हें बताया जा रहा था कि जांच होने में 7 दिन लग जाएंगे. लेकिन आज जब प्रधान सचिव पहुंचे हैं और उनसे बात हुई, प्रधान सचिव ने अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दे दिया है कि आज शाम तक हर हाल में आरटीपीसीआर सैंपल कलेक्ट कर लिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि सभी उचित इलाज किए जाएं और इलाज में देरी ना हो.
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अधीक्षक ने नहीं की बात
एक और कोरोना मरीज के परिजन कामता प्रसाद ने बताया कि प्रधान सचिव ने उनसे पूछा कि क्या वह सुबह-शाम अपने मरीज को सीसीटीवी से देखते हैं तो, उन्होंने बताया कि अभी तक उन्हें मरीज अंदर किस हाल में हैं, नहीं दिखाया गया है. सुबह-शाम मेडिकल बुलेटिन दिया जाता है, ऐसे में प्रधान सचिव ने यहां मौजूद अधिकारियों को कहा कि सुबह-शाम मरीज को सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से परिजनों को दिखाया जाए.
इस मामले पर जब ईटीवी ने अस्पताल के अधीक्षक का पक्ष जानना चाहा कि आखिर क्यों कोरोना मरीज के परिजनों को सीसीटीवी के माध्यम से मरीज नहीं दिखाए जा रहे हैं, तो उन्होंने मिलने से मना कर दिया. अधीक्षक अपने चेंबर में अंदर बैठे रहे.
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बता दें कि रविवार को पूर्णिया के रहने वाले राजकुमार भगत का शव चुन्नू कुमार के परिजनों को सौंप दिया गया था और इसके बाद पीएमसीएच की काफी बदनामी हुई. जिसके बाद से पीएमसीएच के पदाधिकारी मीडिया के सामने आने से बच रहे हैं.