पटनाःबिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में लगातार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता (Air pollution level increased In Bihar) चला जा रहा है. यहां कई जिलों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 356 से लेकर 400 तक पहुंच चुका है, जो बिहार की आबोहवा के लिए चिंता का विषय है. बिहार में इस तरह बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उन्होंने अपने ट्वीट (Prashant Kishore tweet) में लिखा है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण की चर्चा है, जबकि देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 7 शहर बिहार के हैं.
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ट्वीटर हैंडल पर पीके ने लिखाः बिहार की राजनीति में इन दिनों सक्रिय प्रशांत किशोर लगातार सीएम नीतीश पर निशाना साध रहे हैं. कभी शासन व्यवस्था को लेकर तो कभी शराबबंदी को लेकर. एक बार फिर प्रशांत ने बिहार के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर चिंता जाहिर करते हुए सीएम नीतीश को ट्वीट के जरिए घेरा है. उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा-"@NitishKumarजी लगता है, प्रदूषण नापने वालों को भी कोई ज्ञान नहीं हैं या फिर सब आपके Home Delivery वाले शराबबंदी से नाराज होकर गलत आंकड़े दे रहे हैं!"
नितीश कुमार पर पीके का तंजः प्रशांत किशोर ने कहा है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण की तो खूब चर्चा है, लेकिन देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 7 शहर बिहार के हैं. इस पर बिहार सरकार का कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने नीतीश कुमार से तंज कसते हुए कहा है कि या तो प्रदूषण नापने वालों को कोई ज्ञान नहीं हैं या फिर सब आपके Home Delivery वाले शराबबंदी से नाराज होकर गलत आंकड़े दे रहे हैं. आपको बता दें कि प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार के कई जिलों में जनसुराज यात्रा निकाल रहे हैं. जहां वो बिहार में एक बड़े पैमाने पर बदलाव की बात करते हैं, जो अब तक 30 सालों में ना हो सका, वो सब कुछ करने की बात करते हैं. उन्होंने नई पार्टी बनाने का भी ऐलान किया है.
बढ़ रहा है बिहार में वायु प्रदूषणःवहीं, बात अगर बिहार में प्रदूषण की करें तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार राजधानी पटना सहित तमाम जिलों में वायु प्रदूषण स्तर को कम करने का दावा तो जरूर करती है लेकिन हवा में जिस तरह से धूल कण की मात्रा बढ़ रही है, निश्चित तौर पर उसको रोकने में बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. यही कारण है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो रहा है. जब तक हवा में धूल कण की मात्रा को कम करने का ठोस उपाय नहीं किया जाएगा. तब तक कहीं न कहीं ये स्थिति बनी रहने की संभावना अभी भी दिख रही है. ठंड बढ़ने के कारण भी ऐसी स्थिति बनी हुई है जो आगे बढ़ भी सकती है.