पटना: 'बात बिहार की' कार्यक्रम से अगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की घोषणा करने वाले प्रशांत किशोर ने राज्य में अपना कार्यालय तक बंद कर दिया है. प्रशांत किशोर का पटना के एग्जीबिशन रोड में लंबे समय से कार्यालय चल रहा था. उनकी टीम के कई सदस्य पूरे बिहार के लिए यहीं से काम कर रहे थे. लेकिन टीम के सदस्यों को प्रशांत किशोर ने बंगाल और तमिलनाडु शिफ्ट कर दिया. इसके बाद कार्यालय के बाहर ताला लगा हुआ है.
पीके ने बिहार से समेटा अपना कार्यालय
बिहार विधानसभा चुनाव में किसी दल की तरफ से तवज्जो नहीं दिए जाने के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आखिरकार बिहार में अपना कार्यालय भी बंद कर लिया है. प्रशांत किशोर ने 40 से 50 लोगों की टीम 'बात बिहार की' कार्यक्रम के लिए तैयार किया था. अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू के कुछ महीनों में टीम ने काम भी किया था. लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही प्रशांत किशोर ने अपनी टीम को समेटना शुरू कर दिया था. पहले अधिकांश सदस्यों को बंगाल और तमिलनाडु शिफ्ट कर दिया. इसके बाद पटना कार्यालय पूरी तरह बंद हो गया है.
बिहार का नहीं किया रुख
बिहार में प्रशांत किशोर की गतिविधि पूरी तरह समाप्त हो गई है. इस साल के शुरुआत में जब प्रशांत किशोर पटना आए थे, तो उन्होंने दावा किया था कि तीन महीने में 10 लाख युवाओं को जोड़ेंगे और गांव तक राजनीति में अपनी भूमिका निभाएंगे. लेकिन उसके बाद प्रशांत किशोर ने बिहार का एक बार भी रुख नहीं किया. कोरोना संकटकाल में टीम के सदस्यों की फील्ड वर्क भी बंद हो गई. पूरा कार्यक्रम सोशल मीडिया तक सिमट कर रह गया और अब प्रशांत किशोर ने बिहार से अपने पूरे कार्यक्रम को ही समेट लिया है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कि 'बात बिहार की' मुहिम का कुछ ही दिनों में हवा निकल गई.