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अब अरविंद केजरीवाल के लिए रणनीति बनाएंगे प्रशांत किशोर - NRC

पीके ने केजरीवाल से उस समय हाथ मिलाया है जब उनका पार्टी के साथ मतभेद गहराता जा रहा है. हालांकि शनिवार शाम को प्रशांत किशोर नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे.

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प्रशांत किशोर

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Published : Dec 14, 2019, 1:24 PM IST

पटनाः नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने पर प्रशांत किशोर ने जेडीयू में बगावत का झंडा उठाये रखा है. वहीं, शनिवार को पार्टी महासचिव आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर को खरी-खोटी सुनाई. जिसके बाद शीर्ष नेतृत्व से मतभेद के बीच पीके आज शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे. वहीं, जेडीयू के लिए सिरदर्द बने पीके अब बीजेपी के धुर विरोधी आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बनायेंगे.

दरअसल, प्रशांत किशोर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बनायेंगे. इस बात की जानकारी खुद अरविंद केजरीवाल ने दी है. बता दें कि प्रशांत किशोर चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के लिए रणनीति बनाते हैं. I-PAC एजेंसी के जरिए प्रशांत किशोर सियासी दलों के लिए चुनाव प्रचारक हैं. पीके ने केजरीवाल से उस समय हाथ मिलाया है जब उनकी पार्टी के साथ मतभेद गहराता जा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

बीजेपी के खिलाफ काम कर चुके हैं पीके
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और प्रशांत किशोर के बीच लम्बे समय से बातचीत चल रही थी. पीके 2014 में नरेंद्र मोदी के साथ लोकसभा चुनाव में तो 2015 में बीजेपी के खिलाफ बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं. इसके अलावा पीके पंजाब में कांग्रेस के लिए, आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी और पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव में ममता बनर्जी के लिए काम कर चुके हैं. जहां दोनों जगह सफलता हाथ लगी थी.

ये भी पढ़ेंः CAB समर्थकों पर pk का हमला जारी, कहा- अब गैर BJP मुख्यमंत्रियों पर आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी

नागरिकता कानून पर पार्टी से अलग स्टैंड
बता दें कि पीके ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद लगातर बीजेपी के खिलाफ रणनीति बना रहे हैं. इसके लिए अलग-अलग सियासी पार्टियों से पीके ने हाथ मिलाया है. हालिया दिनों में नागरिक संशोधन बिल को लेकर पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर वो सुर्खियों में हैं. नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पीके ने ट्वीट कर लिखा था, बहुमत से संसद में नागरिक संशोधन बिल पास हो गया. न्यायपालिका से परे, अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है. क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं, जहां इसे लागू करना है. तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने CAB और NRC को नकार दिया है और अब दूसरे गैर-बीजेपी राज्य के मुख्यमंत्री को अपना रुख स्पष्ट करने का समय आ गया है.

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