पटना:प्रशांत किशोर और सीएम नीतीश एक बार फिर साथ आने वाले हैं या नहीं इस सवाल का जवाब (Prashant Kishor Reply To CM Nitish) पीके यानी कि प्रशांत किशोर ने इशारों में दे दिया है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीटर अकाउंट से एक ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट (Prashant Kishor Replied On Going With CM) कर कहा कि (Prashant Kishor Tweet) 'तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा, आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा? …दिनकर.
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'तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाउंगा...:'प्रशांत किशोर ने पूरे बिहार में अपना अभियान चला रखा है. उनकी नई पार्टी को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. इसी बीच पूर्व राजदूत और राज्यसभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा (Former MP Pawan Verma ) ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से कुछ दिनों पहले मुलाकात (Pawan Verma Met CM Nitish ) की. माना जा रहा है कि पवन वर्मा ने ही पीके और नीतीश की मुलाकात करवाई. हालांकि पीके ने मुलाकात की बात से इंकार किया था. अब पीके के ट्वीट से दोनों की मुलाकात हुई थी, यह बात स्पष्ट हो चुकी है. नीतीश से पीके मिले तो अटकलों का बाजार और तेज हो गया. पीके और नीतीश फिर से साथ आएंगे इसकी चर्चा होने लगी. लेकिन पीके ने राष्ट्रकवि दिनकर का सहारा लेते हुए तमाम सवालों का जवाब दे दिया है. ट्वीट देखकर समझा जा सकता है कि नीतीश से उनकी क्या बात हुई होगी. यह बात भी साफ हो गई है कि नीतीश ने पीके को वापस आने का ऑफर दिया है लेकिन पीके का मन इस बात को नहीं मान रहा है.
'सीएम नीतीश से मुलाकात सामान्य शिष्टाचार': जन सुराज अभियान के तहत बिहार में 2 अक्तूबर से पदयात्रा की तैयारी में जुटे प्रशांत किशोर ने 2 दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई मुलाकात को स्पष्ट किया है. प्रशांत किशोर ने बेतिया में मीडिया से बातचीत में बताया कि 2 दिन पहले 13 सितंबर को नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर उनकी मुलाकात हुई थी और ये सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक शिष्टाचार मुलाकात थी. प्रशांत किशोर ने कहा, "नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, मैं मई से बिहार में काम कर रहा हूं. तब से कई बार मिलने की बात हुई लेकिन नहीं मिल पाए थे. इसलिए शिष्टाचार के नाते उनसे मुलाकात हुई है."
'1 साल में 10 लाख नौकरी दें नीतीश तो बात...':बेगूसराय की घटना पर प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसी घटनाओं से जमीन पर लोगों की जो आशंकाएं हैं, उसको बल मिलता है. कानून व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में जो डर है वो सही साबित हो रहा है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार के साथ गठबंधन या साथ आने को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर वे एक साल में बिहार में 10 लाख नौकरी दे देते हैं, तो ही कोई बात हो सकती है.
"बिहार में प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा शराबबंदी में लगा हुआ है, इसलिए सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था पर इसका असर पड़ रहा है और शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले कुछ सालों में बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है. इस सरकार के मुखिया और गृहमंत्री नीतीश कुमार हैं इसलिए ये उनकी जिम्मेवारी है. अगर सीएम नीतीश एक साल में बिहार में 10 लाख नौकरी दे देते हैं, तो ही कोई बात हो सकती है."-प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
'अपने चुने रास्ते पर कायम रहूंगा':प्रशांत किशोर ने मीडिया के सामने साफ तौर पर कहा कि जन सुराज अभियान और बिहार की बदहाली पर उनके स्टैंड में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर से प्रस्तावित पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग एक साल तक बिहार के अलग-अलग गांव और प्रखंडों में जाएंगे और लोगों से मिल कर समाज के बीच से सही लोगों को आगे लाएंगे जो बिहार की बेहतरी के लिए काम कर सकें. प्रशांत किशोर ने कहा कि जो रास्ता उन्होंने खुद के लिए तय किया है वो उस रास्ते पर कायम हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ बिहार में जमीन पर अपने 4-5 महीने के अनुभव को साझा किया और बताया कि कैसे शराबबंदी जमीन पर प्रभावी नहीं है.
मुलाकात हुई क्या बात हुई..नीतीश ने दिया था ये जवाब: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा था कि प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई है. सीएम ने कहा कि पवन वर्मा से हमारा पुराना संबंध है, उन्होंने मिलने की इच्छा जाहिर की तो मैंने कहा कि आ जाइए. प्रशांत किशोर से मुलाकात (Nitish Kumar Prashant Kishor Meeting) पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई नाराजगी वाली बात नहीं है. सवाल आप लोग पूछते हैं तो उसका जवाब देते हैं. बहुत पहले उन्होंने कहा था. हम लोग तैयार ही थे लेकिन अब वह बात दूसरी हो गई.
दोनों में हो रही थी तल्ख बयानबाजीः वहीं, नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता को लेकर अभियान चला रहे हैं. पिछले दिनों ही वो चार दिनों के दिल्ली दौरे पर थे और कई नेताओं से मुलाकात की थी. पहले भी प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के लिए काम कर चुके हैं. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनाने में प्रशांत किशोर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. बिहार में सात निश्चय योजना प्रशांत किशोर की ही देन है. प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात से आगे क्या होता है इसपर सबकी निगाह टिकी हुई है.
PK और पवन वर्मा पर एक साथ नीतीश ने की थी कार्रवाई:जनवरी 2020 में नीतीश ने पवन वर्मा और प्रशांत किशोर पर कार्रवाई की थी. उस समय पवन वर्मा जदयू के महासचिव और पीके जदयू उपाध्यक्ष थे. पवन वर्मा ने CAA पर जदयू और नीतीश कुमार के स्टैंड पर आपत्ति जताई थी.. पवन वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू के भाजपा से समझौते पर भी आपत्ति जतायी थी. उन्होंने नीतीश कुमार को इन मसलों पर एक पत्र भी लिखा था, जो सार्वजनिक हो गया था. उसी दौरान प्रशांत किशोर भी CAA समेत दूसरे मुद्दों पर नीतीश कुमार का विरोध कर रहे थे. जदयू ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की थी.