जन सुराज संयोजक प्रशांत किशोर पटना: पूर्व सांसद व बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जन सुराज संयोजक प्रशांत किशोरने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने राजनेता और प्रशासक के तौर पर सरेंडर कर दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बस कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं, बाकी बिहार में जिसको जो करना है वह कर सकता है, नीतीश को कोई फर्क नहीं पड़ता है.
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आनंद मोहन की रिहाई पर प्रशांत किशोर का बड़ा बयान: प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सोच पहले से ही ऐसी है. ऐसा नहीं की आज उस सोच के कारण आनंद मोहन की रिहाई हुई है. बल्कि पहले महागठबंधन की सरकार बनी थी, उस समय भी नीतीश कुमार इस तरह के फैसले लेते थे. महागठबंधन के मंत्रिमंडल में चार ऐसे मंत्री हैं जिनका नाम आरजेडी की तरफ से 2015 में प्रस्तावित किया गया था. लेकिन उनकी दागदार छवि को देखते हुए मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल नहीं किया गया था. वही चार लोग आज मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के अगल-बगल में बैठे हुए नजर आते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई से एक बात यह स्पष्ट हो गई है कि नीतीश कुमार जाति की राजनीति करते हैं. जिसकी हत्या हुई वह दलित समाज के गरीब परिवार का व्यक्ति था. इस फैसले के बाद सीएम नीतीश दलित समाज के सामने नंगे हो गए हैं.
"नीतीश कुमार जो दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने का दावा करते हैं, यह उस समाज के सामने बिल्कुल नंगे हो गए. तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम पहले कैबिनेट में पहले सिग्नेचर से 10 लाख नौकरी दे देंगे. यह तेजस्वी की अज्ञानता को दिखाता है. यदि 10 लाख नौकरी दे रहे हैं तो 1 कैबिनेट में एक सिग्नेचर करके कैसे 10 लाख नौकरियां दे देंगे."-प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
'तेजस्वी की कलम की स्याही सूख गई है?': प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव से पूछा कि अभी भी कैबिनेट हो रही है या कलम की स्याही सूख गई है. अगर आप मुख्यमंत्री के लड़के होते हुए भी दसवीं पास भी नहीं कर पाए तो आपको कलम चलाना कितना आता होगा, ये जग जाहिर है. प्रशांत किशोर ने बृजभूषण शरण सिंह पर सवाल खड़ा करते हुए खिलाड़ियों की मांग पर इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति पर आरोप है या नहीं इसकी फैसला तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन उस व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. बृजभूषण शरण सिंह को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आरोप की जांच निष्पक्ष और सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए.