पटना :बिहार के भागलपुर में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट धराशायी हो गयी. गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल रेत की तरह भरभराकर गिर गया. इसका वीडियो वायरल होने के बाद आम लोगों में चर्चा तेज है. लोग यह कहने लगे हैं कि, प्रोजेक्ट कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. मामले में जमकर सियायस हो रही है. ऐसे में भला जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर कैसे पीछे रह सकते थे.
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'लालू के लोग भ्रष्टाचार में शामिल' :प्रशांत किशोर ने मुखर होकर पुल ध्वस्त होने के प्रकरण पर अपनी बात रखी है. पीके ने कहा कि विकास के नाम पर जनता से टैक्स के रूप में वसूली जा रही गाढ़ी कमाई की बर्बादी हो रही है. बिहार के लोग ये नहीं कहेंगे कि लालू ईमानदार हैं. लालू के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है.
''हमने नीतीश कुमार को खुली चुनौती दी है कि, अगर आपमें दम है तो कैमरा के सामने आकर एक लाइन कहकर दिखा दीजिए कि लालू और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है. कोई अगर नीतीश कुमार से बुलवा दे कि लालू का परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है. इसके बाद लोग जो कहेंगे मैं मानने के लिए तैयार हूं.''- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
'भ्रष्टाचारियों के साथ जनता नहीं' :प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ऐसा कह ही नहीं सकते, क्योंकि जीवनभर नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति ही यही कहकर की है कि लालू भ्रष्ट हैं. आज जिसने चोरी की है, भ्रष्टाचार किया है, उसके साथ जनता खड़ी नहीं है. बिहार में आज कोई उनसे सहानुभूति भी नहीं रख रहा है.
बिहार में आरजेडी की सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है कोई कह सकता है नहीं, क्योंकि लालू-नीतीश ने बिहार को लूटने का काम किया है. बिहार के भागलपुर में 1700 करोड़ का सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट ढहा. इसमें बिहार के लोगों के खून पसीना की कमाई को खूब लूटा गया है.
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