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pk का नीतीश से सवाल- 15 साल के आपके 'सुशासन' के बावजूद बिहार आज भी गरीब और पिछड़ा क्यों? - जेडीयू के सम्मेलन पर पीके का बयान

चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर ने जनता दल (युनाइटेड) से निकाले जाने के बावजूद पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को 'पितातुल्य' बताया. साथ ही कहा, 'उन्होंने जो भी फैसला किया, मैं सहृदय स्वीकार करता हूं.'

prashant kishor
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Published : Mar 2, 2020, 9:30 AM IST

पटना:जेडीयू से निष्कासित नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. पीके ने जेडीयू के सम्मेलन में नीतीश कुमार के 200 सीटों पर जीत के दावे पर तंज कसा है.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा- 'पटना में जेडीयू कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने 200 सीटें जीतने का दावा किया लेकिन ये नहीं बताया कि 15 साल के उनके 'सुशासन' के बावजूद बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य क्यों हैं?'

आगे प्रशांत किशोर ने दिल्ली हिंसा पर लिखा- दिल्ली हिंसा पर आपकी ओर से एक भी शब्द नहीं कहना भी गलत था.' बता दें कि दिल्ली हिंसा में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर अब 46 हो गई है. इसके अलावा, सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं.

जेडीयू ने पार्टी से कर दिया था बर्खास्त
जेडीयू में रहते हुए प्रशांत किशोर सीएए पर पार्टी के फैसले का विरोध कर रहे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गिरा हुआ और झूठा तक कह दिया था. इसके बाद पार्टी ने 29 जनवरी को प्रशांत किशोर को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था. पार्टी से निकाले जाने के बाद पीके ने 18 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बिहार को सशक्त नेता की जरूरत है, पिछलग्गू की नहीं.

प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज
इसके बाद, प्रशांत किशोर और ओसामा नाम के युवक के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में एक एफआईआर दर्ज कराया गया था. दरअसल., मोतिहारी के इंजीनियर शाश्वत गौतम ने उन पर 'बात बिहार की' कार्यक्रम में कंटेंट नकल करने का आरोप लगाया.

प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

प्रशांत किशोर का कार्यक्रम 'बात बिहार की'
प्रशांत किशोर ने पूरे बिहार में एक अभियान की शुरुआत की थी. प्रशांत किशोर ने कहा था, '20 फरवरी से मैं एक नया कार्यक्रम 'बात बिहार की' शुरू करने जा रहा हूं. मैं किसी गठबंधन या किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ने जा रहा. मैं ऐसे लोगों को जोड़ना चाहता हूं, जो बिहार को अग्रणी राज्यों की दौड़ में शामिल करना चाहते हैं. जब तक जीवित हूं बिहार के लिए पूरी तरह समर्पित हूं, मैं कहीं नहीं जाने वाला हूं. मैं आखिरी सांस तक बिहार के लिए लड़ूंगा.'

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