पटना: मिशन 2024 बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. उत्तर प्रदेश के बाद पार्टी के नजरिए से बिहार दूसरा महत्वपूर्ण राज्य है. बिहार इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि यहीं से विपक्षी एकता की कवायद चल रही है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार भाजपा में बड़े उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार की दावेदारी और हिस्सेदारी मजबूत थी. बिहार कोटे से रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी, आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा मंत्री हुआ करते थे. फिलहाल यह नेता मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं हैं.
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बीजेपी केंद्री मंत्रिमंडल में फेरबदल को तैयार: वर्तमान परिस्थितियों में गिरिराज सिंह, आरके सिंह, अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय और पशुपति पारस केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा फिर एक बार फेरबदल के लिए तैयार है. बिहार कोटे के मंत्रियों की भूमिका बदले जाने की संभावना है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी ने रणनीति तैयार की है. कद्दावर और अनुभवी मंत्रियों को मिशन 2024 के तहत राज्यों की जिम्मेदारी दी जानी है. लिहाजा मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान वर्तमान मंत्रियों के लिए नई भूमिका तय की जा सकती है.
बीजेपी लगाएगी एक तीर से कई निशानें: भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार प्रधानमंत्री का स्वविवेक है. प्रधानमंत्री मंत्रियों के परफॉर्मेंस के आधार पर बराबर अंतराल पर फेरबदल करते रहे हैं. चुनाव से पहले भी फेरबदल के आसार हैं. प्रधानमंत्री को फैसला करना है कि किसे कैबिनेट में जगह मिलेगी और किसे संगठन में लगाया जाएगा. वहीं राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए भाजपा एक तीर से कई निशाना साधना चाहती है. मंत्रिमंडल में युवाओं को जगह देकर अनुभवी नेताओं को संगठन में लगाया जा सकता है और उन्हें लोकसभा चुनाव को परिणाम में बदलने की जिम्मेदारी दी जा सकती है.