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रात होते ही खेतों में पराली जलाने में जुटे जाते हैं किसान, वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ा - वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ा

सरकार के लाख मना करने के बावजूद पटना के ग्रामीण इलाकों में खासकर मसौढ़ी अनुमंडल में विभिन्न प्रखंडों में लगातार खेतों में पराली जलाया जा रहा है. जिसको लेकर अब प्रखंड स्तर पर प्रशासन सख्त है और कार्रवाई करने में जुट गया है. पढ़ें पूरी खबर...

farmers burning stubble in masaurhi patna
Danger of pollution increased due to stubble burning in Patna

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Published : Nov 11, 2021, 10:42 PM IST

पटना (मसौढ़ी):सरकार द्वारा खेतों में पराली नहीं जलाने के लिए लगातार किसानों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही कड़ी चेतावनी भी दी जा रही है कि खेतों में पराली जलाने (Stubble Burning) से वायु प्रदूषण (Pollution) तो बढ़ता ही है, मिट्टी की उर्वरता भी घट जाती है. बावजूद इसके पराली जलाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. मसौढ़ी के ग्रामीण इलाकों में पराली को खेतों में जलाने से किसान बाज नहीं आ रहे हैं. रात होते ही किसान पराली जलाना शुरू कर देते हैं.

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दरअसल, धान की फसल पककर तैयार हो गई है. खेतों में धान के कटनी शुरू हो चुकी है. ऐसे में मशीनों द्वारा धान की कटाई होने पर उसके बचे हुए अवशेष को लोग जला दे रहे हैं. ऐसे में लगातार खेतों में जल रहे पराली से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में लगता किसानों के बीच सभी प्रखंडों में किसान सलाहकार और किसान समन्वयक द्वारा पराली नहीं जलाने के लिए कर जागरूक किया जा रहा है. वहीं, किसान अब कार्रवाई के डर से पराली को रात में जला रहे हैं.

देखें वीडियो

पराली जलाने की यह लाइव तस्वीरें मसौढ़ी प्रखंड की है. जहां पर किसानों की लापरवाही के कारण पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. साथ ही इससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में किसानों को जागरूक करने की जरूरत है. मसौढ़ी के कृषि पदाधिकारी की मानें तो कृषि समन्वयक द्वारा लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद कई किसान एसे हैं, जो नहीं मान रहे हैं.

मसौढ़ी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी शकील अहमद खान ने बताया कि कई जगहों से लगातार शिकायत मिल रही है कि किसान दिन के बजाय अब रात में ही पराली को जला रहे हैं. वैसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है. पंचायत वाइज किसान सलाहकार को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वैसे किसानों को चिह्नित कर उन्हें कार्रवाई करें. वहीं, कृषि वैज्ञानिक की माने खेतों में पराली जलाने से ना केवल मिट्टी की उर्वरा शक्ति खत्म होती है बल्कि अगली फसल के उत्पादन में भी कमी आ जाती है.

बता दें कि बिहार में सरकार की ओर से पराली जलाने पर रोक लगाई गई है. बिहार सरकार की ओर से इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है. अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर आईपीसी की धारा 435 के तहत कार्रवाई की जाती है. वहीं, इस मामले में दोषी पाए जाने पर किसान को 7 साल की कैद के साथ ही जुर्माना भी लग सकता है. सरकार ने कहा है कि जो किसान पराली जलाएगा, उसे 3 साल तक सरकार की सभी योजनाओं से वंचित रखा जाएगा.

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