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पटना: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी की एडवाइजरी, 15 साल से पुराने डीजल वाहनों का परिचालन हो बंद

वायु प्रदूषण में पिछले तीन सालों में पटना का औसत 118.16 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. ठंड के समय यह 300 तक पहुंच जाता है. इसलिए प्रदूषण नियंत्रण पार्षद ने 15 साल पुराने डीजल वाहनों को बंद करने की सलाह दी है.

पटना

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Published : Sep 26, 2019, 8:13 PM IST

पटना: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक एडवाइजरी जारी की है. पटना समेत बिहार के तीन शहरों में 15 साल से पुराने डीजल वाहनों का परिचालन बंद करने को कहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अगाह किया है कि ऐसे वाहनों को समय रहते नहीं हटाया गया, तो ठंड में स्थिति खतरनाक हो जाएगी.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एडवाइजरी के अनुसार पटना, मुजफ्फरपुर और गया में प्रदूषण उच्च स्तर पर है. इन तीनों शहरों में धूल कण की औसत वार्षिक मानक 44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए. लेकिन यहां तय मानक से काफी ज्यादा है, पटना में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण है.

परिवहन विभाग कार्यालय

'सीएनजी वाहनों का हो प्रयोग'
इसको लेकर वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इस संबंध में आदेश दिया गया है. विभाग की तरफ से भी परिवहन विभाग को इस मामले में पहल करने की सलाह दी गई है. परिवहन विभाग को इस मामले में कार्रवाई करनी है. सरकार को सलाह दी गई है कि 15 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहन सड़कों से हटाएं. सीएनजी वाहनों की संख्या बढ़ाने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने की व्यवस्था की जाएं.

कोलकाता और दिल्ली में भी है बंद
बता दें कि वायु प्रदूषण में पिछले तीन सालों में पटना का औसत 118.16 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. ठंड के समय यह 300 तक पहुंच जाता है. इसलिए प्रदूषण नियंत्रण पार्षद ने 15 साल पुराने डीजल वाहनों को बंद करने की सलाह दी है. दिल्ली और कोलकाता में भी 15 साल पुराने डीजल वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है.

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