पटना: कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी सुशासन सूचकांक की लिस्ट में बिहार का 15वां स्थान है. इसको लेकर विपक्षी पार्टी लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रही है. वहीं बीजेपी और जेडीयू का कहना है कि ये लिस्ट किस निष्कर्ष पर निकाला गया है यह समझ के परे है.
सुशासन के मामले में बिहार को मिला 15वां स्थान सुशासन रिपोर्ट में बिहार 15वें स्थान पर
बिहार में सुशासन का 15वां स्थान मिलने पर जहां एक तरफ बीजेपी और जदयू मिलने वाले नंबर पर सवाल कर रही है. तो वहीं आरजेडी और कांग्रेस ने नीतीश कुमार के सुशासन राज को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. जदयू नेता भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कार्मिक विभाग ने किस आधार पर सूची की है. ये नहीं पता. उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता है कि बिहार सुशासन के मामले में 15 वें स्थान पर हो सकता है. कार्मिक विभाग के इस लिस्ट पर हमें संदेह है.
बीजेपी ने सूची के आधार पर किया सवाल
बीजेपी ने भी इस लिस्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि किस आधार पर यह रिपोर्ट तैयार हुआ है, इसकी मुझे जानकारी तो नहीं है लेकिन इतना तो तय है कि बिहार का विकास दर लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हर राज्य से बिहार आगे है यहां कानून का राज चलता है, सरकार की इच्छा भी है कि यहां पर न्याय के साथ सबका विकास हो. इसलिए मुझे नहीं लगता है कि कार्मिक मंत्रालय में जो सूचकांक जारी किया है. फिर से उसे देखा जाए और मंत्रालय अच्छे से जानकारी ले ले.
'नीताश कुमार की सुशासन वाली बात फिसड्डी'
आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा है कि अब तो साफ हो गया है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में भ्रष्टाचार हो या बलात्कार लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तो कार्मिक मंत्रालय ने भी मान लिया कि बिहार सुशासन के मामले में फिसड्डी है.
'नीतीश सरकार की खुल गई पोल'
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा है कि इस सूचकांक के जारी होने के बाद नीतीश सरकार की पोल खुल गई है और बिहार की जनता भी अब समझ चुकी है कि बिहार में सुशासन नाम की कोई चीज ही नहीं बची है और ना ही कोई लॉ इन रूल है.