पटना :बिहार में पीएफआई (PFI In Bihar) की संदिग्ध गतिविधियों के खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है. भाजपा ने पीएफआई को बिहार में प्रतिबंधित करने की मांग की है तो विपक्ष की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को कटघरे में खड़ा किया गया है. इसको लेकर तमाम तल के नेता अपनी-अपनी ओर से प्रतिक्रिया देने में लगे हैं.
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पीएफआई पर प्रतिबंध को लेकर संग्राम :जिस प्रकार से संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है, उससेऐसालग रहा है जैसे बिहार में पीएफआई लंबे समय से देश विरोधी एजेंडे को मूर्त रूप देने में लगा था. खुलासे के बाद से बिहार में हड़कंप मचा है. भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग की है. जदयू भी भाजपा के समर्थन में दिख रही है. भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. सुशील मोदी की मांग पर बिहार में सियासी संग्राम है.
विपक्ष ने आरएसएस पर साधा निशाना :पीएफआई को प्रतिबंधित करने के मामले में राजद ने भाजपा के मंसूबे पर सवाल खड़े किए हैं. राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि भाजपा सरकार में है और 17 साल से पार्टी के नेता क्या कर रहे हैं पार्टी नेताओं को यह बताना चाहिए. कांग्रेस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से बचना चाह रही है. पार्टी विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि सुशील मोदी बिहार सरकार या केंद्र सरकार किसको आइना दिखा रहे हैं उन्हें बताना चाहिए.