बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Bihar Politics: केन्द्र ने मुकेश सहनी की बढ़ायी सुरक्षा, जानें बिहार में राजनीति की Inside Story - ईटीवी भारत बिहार

आपने अक्सर सुना होगा कि अचानक किसी बड़े राजनेता की सुरक्षा हटा ली गयी या बहाल कर दी गयी. कभी कभी ये भी सुना होगा अमुक नेता जी अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं और उन्हें सरकार सुरक्षा नहीं दे रही है. कभी-कभी तो मांगने के बाद भी सुरक्षा नहीं मिलती है और कभी बिना मांगे सुरक्षा दे दी जाती है. इस तरह के हालात पर राजनीतिक बयानबाजियां भी होती है. अब वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को लेकर भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. पढ़ें यह रिपोर्ट...

Mukesh Sahani Etv Bharat
Mukesh Sahani Etv Bharat

By

Published : Feb 22, 2023, 8:04 PM IST

Updated : Feb 22, 2023, 8:38 PM IST

पटना :कहते हैं राजनीति में ना.. ना.. का मतलब कई बार हां होता है और हां.. हां.. की बात नहीं में तब्दील हो जाती है. इसका सीधा तात्पर्य यह है कि पॉलिटिक्स में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता. राजनेताओं के हर हाव भाव को राजनीतिक आइने से ही जोड़कर देखा जाता रहा है. अब देखिए ना, जिस प्रकार से बिहार की राजनीति 360 डिग्री पर घूम रही है, हर कोई कहने लगा है, अब तो आग लग गयी है.

ये भी पढ़ें - Mukesh Sahani : वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को मिली Y+ श्रेणी की सुरक्षा, IB की रिपोर्ट पर MHA का फैसला

'बस यूं ही या फिर कुछ और..' :सवाल उठता है आग कहां लगी है, धुआं कहां-कहां से उठ रहा है. जो बिहार की राजनीति को नजदीक से जानते हैं उनका कहना है कि महागठबंधन से धुआं उठ रहा है. क्योंकि जीतन राम मांझी के दिल में 'आग' लगी है, तभी तो बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं और गरीब संपर्क यात्रा निकाल रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि ये बस यूं ही है या फिर इसके पीछे सियासत का घोड़ा दौड़ रहा है.

360 डिग्री पर घूम रही बिहार की राजनीति : सियासत के घोड़े को तो सबसे ज्यादा उपेन्द्र कुशवाहा दौड़ा रहे हैं. तभी तो कुछ महीने पहले तक नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल कहने वाले अचानक पीएम मोदी की गुणगान करने लगे हैं. इसे कहते हैं 360 डिग्री पर घूम जाना. संजय जायसवाल से उनकी मुलाकात महज इत्तेफाक नहीं, बल्कि राजनीति की नई दिशा है.

'कहीं बात बन तो नहीं गई' :राजनीतिक विश्लेषक तो मुकेश सहनी की चाल को भी नई दिशा से ही जोड़ रहे हैं. जो मुकेश सहनी तीन विधायकों के बीजेपी में जाने के बाद तलवार खींच कर खड़े थे, अचनाक गुम दिखाई पड़ रहे हैं. कुशवाहा प्रकरण पर एक बात भी नहीं बोले. ऐसे में अचानक से उनके Y+ श्रेणी की सुरक्षा मिलने पर राजनीति ऊफान मार रही है. लोग कहने लगे हैं, 'कहीं बात बन तो नहीं गई है.'

कभी NDA तो कभी महागठबंधन का रुख करते हैं सहनी :वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का कभी बीजेपी से तालमेल बैठ जाता है तो कभी ये महागठबंधन में चले जाते हैं. पिछले 6 अक्टूबर 2020 से मुकेश सहनी केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की मांग करते रहे पर उनकी एक नहीं सुनी गयी. क्योंकि उस समय वे महागठबंधन खेमे के लिए बैटिंग कर रहे थे. पर अचानक परिदृश्य बदलता है और उन्हें सुरक्षा प्रदान कर दी जाती है.

उपेन्द्र कुशवाहा प्रकरण पर साधी चुप्पी :गौर करके देखें तो पिछले करीब दो महीने से उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के खिलाफ ताल ठोंक रहे थे. पर वीआईपी प्रमुख चुप्पी साध रखे थे. लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि इस पूरे राजनीतिक प्रकरण में मुकेश सहनी चुपचाप क्यों हैं. इस दौरान इनका ज्यादातर समय मुंबई में गुजरा और उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी की घोषणा की. इधर उपेन्द्र कुशवाहा ने नई पार्टी की घोषणा की उधर सहनी को बिना मांगे वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिल गयी. अभी तक मुकेश सहनी ने बीजेपी के पक्ष में कुछ भी नहीं बोला है लेकिन महागठबंधन को मिर्ची लगना स्वाभाविक है.

तेजस्वी ने साधा निशाना :महागठबंधन की टीस को इस प्रकार समझा जा सकता है कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहते हैं कि 'सहनी के पास विजन नहीं है, उपेन्द्र कुशवाहा के लिए कहीं जगह नहीं है'. अब सवाल उठता है कि उपेन्द्र कुशवाहा का नई पार्टी बनाना और मुकेश सहनी को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिलना महज इत्तेफाक है या फिर राजनीति का हिस्सा. अगर राजनीति का हिस्सा है तो इसका मास्टर माइंड कौन है?

मुकेश सहनी की सुरक्षा पर राजनीति :मुकेश सहनी को सुरक्षा मिली और आरजेडी ने बीजेपी को कटघरे में खड़ा कर दिया. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी की मानें तो बीजेपी अपने पाले में करने के लिए मुकेश साहनी को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है. वहीं इस मसले पर बीजेपी सामान्य प्रक्रिया के तहत की गयी सुरक्षा बता रही है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं रहने की वजह से तमाम नेता खराब मानसिक स्थिति में बयान दे रहे हैं. वहीं वीआईपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने इसे गृह मंत्रालय का फैसला करार दिया है. देव ज्योति की मानें तो मुकेश सहनी के लिए सेंट्रल आईबी ने रिपोर्ट दिया था और उसी के आधार पर सुरक्षा दी गयी है.

सुरक्षा को लेकर जानकारों की राय :इस मुद्दे पर बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद की मानें तो जिन नेताओं की सुरक्षा Statutory (वैधानिक) नहीं है, वो तमाम ऐसे वाई और जेड श्रेणी की सुरक्षा राजनीति से प्रेरित होती है. कानून के जो वैधानिक प्रावधान है उसके मुताबिक संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को छोड़कर किसी अन्य को दी जाने वाली सुरक्षा के पीछे राजनीतिक स्वार्थ रहता है. वहीं जाने माने पत्रकार अरुण पाण्डेय भी ऐसी सुरक्षा को राजनीति से प्रेरित मानते हैं. अरुण पाण्डेय की मानें तो सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टियां अपने गठबंधन के स्वार्थ में ऐसी सुरक्षा को लॉलीपॉप की तरह इस्तेमाल करती है.

बिहार में किसे जेड प्लस, जेड और वाई श्रेणी सुरक्षा :बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. इसके अलावा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, चिराग पासवान, सैयद शाहनवाज हुसैन और शत्रुघ्न सिन्हा को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है. वहीं हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मंत्री तेज प्रताप यादव, बीजेपी सांसद राधा मोहन सिंह, पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय, राजीव प्रताप रूडी, पशुपति कुमार पारस, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है.

सुरक्षा देने और वापस लेने दोनों की सूरत में राजनीतिक बवाल मचना लाजिमी है. पिछले कुछ वर्षो में सुरक्षा देने और वापस लेने पर नजर डाले तो संवैधानिक हक रखने वाले के अलावा जिन लोगों को सुरक्षा दी गयी या वापस की गयी सवाल उठते रहा है. इस बार मुकेश सहनी को लेकर सवाल इसलिए उठा है क्योंकि महागठबंधन को लग रहा है कि कहीं सुरक्षा के झांसे में आकर मुकेश सहनी जो तेजस्वी तेजस्वी कर रहे थे वो कहीं बीजेपी बीजेपी न करने लगे और बिहार में नया समीकरण न बन जायें.

Last Updated : Feb 22, 2023, 8:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details