पटना:बिहार में चारा घोटाले (Fodder Scam) ने राजनीति की दिशा और दशा बदलकर रख दी. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था. हाल के दिनों में बिहार में हुए सृजन घोटाले (Srijan Scam) ने भी बिहार में राजनीतिक बवंडर खड़ा कर दिया और आखिरकार मामले को सीबीआई को सौंपना पड़ा.
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पिछले कुछ महीनों से बिहार में दो घटनाएं साथ-साथ चल रही हैं. एक तरफ जदयू (JDU) नेता प्रधानमंत्री पद को लेकर बढ़ चढ़कर दावेदारी कर रहे थे, तो दूसरी तरफ सृजन घोटाला मामले में जांच में तेजी आ रही थी. 2 महीनों के अंदर दो दर्जन से ज्यादा लोगों को सम्मन दिया जा चुका है. कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी जद में है, जल्द ही इन पर सीबीआई का शिकंजा कस सकता है.
सृजन घोटाला मामले में जांच में तेजी आई है, तमाम पुराने अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया गया है और नए सिरे से जांच की प्रक्रिया जारी है. अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी केपी रमैया और दो वर्तमान आईएएस के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी है. बता दें कि केपी रमैया जदयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. दो नौकरशाह सृजन के पैसों पर विदेश भी गए थे, आने वाले दिनों में सीबीआई बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
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तीसरे मोर्चे की मुहिम को भी झटका लगा है. देवीलाल की जयंती पर हरियाणा के जींद में बीजेपी विरोधी नेताओं का महाकुंभ लगने जा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन अचानक नीतीश कुमार ने बाढ़, महामारी और कोरोना का हवाला देते हुए श्रद्धांजलि सभा में जाने से मना कर दिया. नीतीश कुमार के स्टैंड पर विपक्ष हमलावर हो गई है.