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शराबबंदी को सत्ता पक्ष ने बताया सामाजिक परिवर्तन, तो विपक्ष ने कहा- धड़ल्ले से बिक रही शराब - Liquor ban in bihar

बिहार में शराबबंदी को लेकर जहां सत्ता पक्ष अपनी पीठ थपथपाता है. तो वहीं, चुनाव के समय विपक्ष लगातार इसको लेकर सरकार पर निशाना साधता है. कभी शराब की होम डिलीवरी को लेकर, तो कभी इसकी कालाबाजारी को लेकर

बिहार की ताजा खबर
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Published : Aug 10, 2020, 10:50 PM IST

पटना: बिहार देश का पहला राज्य बना जहां पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को व्यापक स्वरूप देना चाहते थे. लिहाजा, 2015 में सत्ता पर आते ही उन्होंने ये कानून लागू करने की कवायद की और अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी की गई.

बिहार में शराबबंदी के बाद भी हर दिन कई जिलों से शराब की अवैध खेप बरामद की जा रही है. शराब की कालाबाजारी को लेकर शराबबंदी कानून पर सवालिया निशान खड़े होते हैं. एक-एक कर बड़े मामलों पर अगर नजर घुमाएं, तो 9 लाख लीटर से ज्यादा शराब चूहे पी जाने का मामला जहन से दूर नहीं होता. दूसरी ओर शराबबंदी के बाद अगस्त 2016 में ही गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत का मामला भी भुलाया नहीं जा सकता.

देखें, खास रिपोर्ट

शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और सवा लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. साल 2019 तक प्रदेश से 50 लाख लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गई है.

'हुआ है सामाजिक परिवर्तन'
बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार का मानना है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने से सामाजिक परिवर्तन आए हैं. महिलाओं के साथ हिंसा और गृह कलह में कमी आई है. इसके अलावा समाज का माहौल ठीक हुआ है. किडनी और लीवर के रोगी कम हुए हैं.

भाई वीरेंद्र, राजद विधायक सह प्रवक्ता

राजद लगातार साध रही निशाना
सरकार साबित कर रही है कि बिहार में शराबबंदी है. लेकिन विपक्ष का कहना है कि प्रदेश में शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. बस लोग शराब पीते हुए नहीं पकड़े जा रहे हैं. राजद के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है शराबबंदी दिखावे के लिए है. पहले जितनी शराब आती थी, उससे दोगुना शराब की बिहार में कालाबाजारी हो रही है. ऊंचे रसूखदार और सफेदपोश लोग इस धंधे में जुटे हैं और सरकार की योजना की हवा निकल रही है.

दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का बयान
हम पार्टी लगातार शराबबंदी को लेकर सवाल खड़े करती रही है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि अगर वाकई शराबबंदी होती, तो शराब की बरामदगी कैसे हो रही है. बिहार में शराब का काला धंधा फल-फूल रहा है.

प्रमोद कुमार, कला संस्कृति मंत्री

शराबबंदी एक विचारधारा- सत्तापक्ष
विपक्ष के आरोपों पर कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी एक विचारधारा है और बिहार के करोड़ों लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर विचारधारा का आत्मसात किया है. विधायकों ने भी सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित कर प्रस्ताव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. विपक्ष के आरोपों में दम नहीं है.

नीरज कुमार, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मंत्री

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार के निर्णय से कई परिवार बर्बाद होने से बच गए. महिलाओं पर होने वाले अपराध कम हुए हैं. समाज में शराब पीने वालों के प्रति नफरत का माहौल बना है, धार्मिक मान्यता प्रदान करने का काम किया है.

'होम डिलीवरी'
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने सभी जिलों में चुनावी रैलियां की. इन रैलियों में तेजस्वी जहां-जहां गये थे. वहां उन्होंने शराबबंदी कानून को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी लगातार शराब की होम डिलीवरी की बातें भी करते रहे. इस साल बिहार में चुनाव होने हैं. हालांकि, कोरोना वायरस के चलते पार्टियों की रैलियां भले ही ना हो रही हो. लेकिन बिहार में शराबबंदी को लेकर सत्ता पक्ष अपनी पीठ थपथपाते हुए तो विपक्ष निशाना साधते हुए दिखेगा.

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