पटना: बिहार में राजनीतिक दलों की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी पर सियासत (Politics on Iftar Party) शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के आरजेडी की इफ्तार पार्टी में अचानक पहुंचने के कारण कई तरह के कयास लगने लगे थे. वैसे तो सभी दलों के नेता एक-दूसरे की इफ्तार पार्टी में पहुंच रहे हैं लेकिन बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है यदि पार्टियां इफ्तार करती हैं तो उन्हें होली और दशहरा पर्व का भी आयोजन करना चाहिए. वो कहते हैं कि दरअसल इफ्तार का मकसद सियासी दलों के लिए खास वोट बैंक को लुभाना (Iftar party organized for vote bank) होता है.
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वोट बैंक को लुभाना इफ्तार का मकसद: बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है अलग-अलग पार्टियां इफ्तार कर रही हैं. मुझे लगता है जो लोग इफ्तार कर रहे हैं, उनका उद्देश्य वोट बैंक बनाना है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर एक धर्म के लिए धार्मिक आयोजन होता है तो दूसरे धर्म के प्रति भी आदर और सम्मान रखना चाहिए. होली और दशहरा पर भी लोगों को बुलाकर विशेष आयोजन करना चाहिए. प्रेम रंजन पटेल ने कहा बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी और अरुण सिन्हा तो होली भी करते हैं और इफ्तार भी करते हैं. हमारी पार्टी में समान रूप से सभी धर्मों का आदर होता है लेकिन बाकी लोग दूसरे धर्म का आदर नहीं करते हैं.
"मुझे लगता है कि जो लोग इफ्तार कर रहे हैं, उनका उद्देश्य एक ही होगा वोट बैंक बनाना. बीजेपी की तरफ से सुशील मोदी और अरुण सिन्हा होली भी करते हैं और इफ्तार भी करते हैं. हमारी पार्टी में समान रूप से सभी धर्मों का आदर होता है लेकिन बाकी लोग दूसरे धर्म का आदर नहीं करते हैं. वैसे लोगों से मेरा निवेदन है कि दूसरे धर्मों का भी आदर करें. जैसे इफ्तार करते हैं, उसी तरह होली और दशहरा में भी लोगों को बुलाकर मिलन और सम्मान करें"- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी