पटनाः रमजान का महीना चल रहा है. मुस्लिम धर्म को मानने वाले रोजा रखते हैं. शाम में सामूहिक रूप से उपवास तोड़ा जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं. हमारी गंगा जमनी संस्कृति में यह परंपरा रही है कि हिंदू अपने मुसलमान भाइयों को इफ्तार पार्टी देते हैं. राजनीतिक पार्टियां इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं. चूंकि, अभी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है इसलिए इफ्तार पार्टी का राजनीतिकरण हो चुका है. राजनीतिक विश्लेषक भी इस पर पैनी नजर बनाये हुए हैं. वजह, इफ्तार पार्टी के बाद सियासी मोहरे बदल जाते हैं. यहा आपको याद दिला दें कि पिछले साल इफ्तार पार्टी के बाद बिहार में सरकार बदल गयी थी.
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राजद की इफ्तार पार्टीः आज रविवार को राजद की ओर से इफ्तार पार्टी दी गयी. नीतीश कुमार अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी व अन्य नेताओं के साथ पहुंचे थे. इस पार्टी में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता चिराग पासवान भी पहुंचे. चिराग ने सबसे पहले नीतीश का पांव छूकर आशीर्वाद लिया. इसके बाद पास में ही बैठीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भी पांव छुए. थोड़ी देर बाद कांग्रेस के नेता अजीत शर्मा भी पहुंचे. उन्होंने चिराग के गले लगकर स्वागत किया. यहां बता दें कि शनिवार को जदयू की ओर से दी गयी इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान शामिल नहीं हुए थे.
राजनीति गलियारे में सुगबुगाहटः चिराग के इस तरह मिलने से राजनीति गलियारे में सुगबुगाहट शुरू हो गयी. लोगों को अनायस ही 2022 में तेजस्वी और नीतीश की इफ्तार पार्टी याद आ गयी. उस वक्त तेजस्वी की पार्टी में नीतीश शामिल हुए थे, और नीतीश की इफ्तार पार्टी में तेजस्वी शामिल हुए थे. इस इफ्तार पार्टी ने भाजपा की नींद उड़ा दी थी. उनकी आशंका भी सही साबित हुई. नीतीश ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन के सरकार बना ली. अब तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में चिराग के पहुंचने से भाजपा एक बार फिर असहज महसूस कर रही होगी.
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भड़के पशुपति पारसः राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल होने के बारे में जब उनके चाचा पशुपति पारस से सवाल पूछा गया तो वे भड़क गये. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चिराग से मेरा खून का रिश्ता नहीं है. वो कहां जा रहे क्या कर रहे हमें क्या मतलब. हम भाजपा के साथ हैं और रहेंगे. चिराग के चचेरे भाई प्रिंस पासवान भी आज पटना में थे. उनसे भी यह सवाल किया गया कि चिराग आज तेजस्वी की पार्टी में शामिल होने वाले हैं तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वो पेज थ्री नेता हैं. बहरहाल अब भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार है.
इफ्तार पार्टी पर सियासतः बिहार में जब एनडीए की सरकार थी तब भी मुख्यमंत्री इफ्तार पार्टी करते थे. उस वक्त भाजपा को उसमें कोई खामी नजर नहीं आयी. नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर दी गयी इफ्तार पार्टी में भाजपा के नहीं शामिल होने का सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि इसका आयोजन सरकार की तरफ से किया जाता है. विपक्ष के लोग और अन्य दलों के लोग भी पार्टी के स्तर पर इसका आयोजन करते हैं. नीतीश ने कहा था कि 'बीजेपी के लोग जब साथ थे तब तो आते ही थे'.