पटना :बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. बिहार लोकसभा चुनाव का बैटलग्राउंड तैयार हो चुका है और इसको लेकर सभी दलों ने अभी से कमर कस लिया है. बिहार में एक ओर जहां केंद्र सरकार केंद्र प्रायोजित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना चाहती है, तो वहीं राज्य सरकार भी जनसंवादके जरिए अपनी योजनाओं को हथियार बना रही है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और इंडिया गठबंधन ने पूरी ताकत झोंक रखी है. योजनाओं का श्रेय लेने को लेकर दोनों गठबंधन के बीच होड़ मची है.
बिहार की लोकसभा सीटों के लिए जोर-आजमाइश शुरू : बिहार में लोकसभा के 40 सीट हैं और दोनों गठबंधन की ओर से जोर आजमाइश चल रही है. बिहार की जनता के सामने नीतीश और मोदी मॉडल है. दोनों मॉडल को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. भारतीय जनता पार्टी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को लेकर आगे बढ़ना चाहती हैं. देश के तमाम 765 जिलों तक योजनाओं को पहुंचाने के लिए एक्शन प्लान तैयार है.
राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर चल रहा जनसंवाद कार्यक्रम : विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए बिहार के 40 जिले और 8000 पंचायत तक केंद्र की योजनाओं को पहुंचाया जाएगा. इसके लिए ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के पदाधिकारी पूरे अभियान की देखरेख करेंगे. इधर, राज्य सरकार की ओर से भी राज्य प्रायोजित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है. पिछले 2 महीने से बिहार में जन संवाद कार्यक्रम चल रहा है. जन संवाद कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार के तमाम अधिकारी पंचायत तक जा रहे हैं और राज्य प्रायोजित योजनाओं के बारे में जनता को बता रहे हैं.
'बीजेपी को अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं': जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर चौतरफा हमला बोला है. ललन सिंह ने कहा है कि भाजपा को अब अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं रह गया है. इसलिए अब अधिकारियों का सहारा लिया जा रहा है कार्यकर्ताओं ने अब पार्टी का साथ छोड़ दिया है. इसलिए भारत सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा कि देश के 765 जिले में अपने एक अधिकारी को भेजेंगे और उनसे रथ प्रभांस चलावाएंगे, जिसमें बताया जाएगा कि मोदी जी ने क्या क्या किये.