पटना:आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए गए बयान के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. देर शाम पटना पहुंचे तेजस्वी यादव के आते ही राज्य का विपक्ष सक्रिय हो गया है. वहीं, तेजस्वी ने पहले तो ट्वीट कर आरएसएस और बीजेपी को घेरा था. इसके बाद पटना पहुंचते ही, उन्होंने साफ कर दिया था कि वो आरक्षण के लिए अपने पुराने स्टैंड पर सक्रिय होंगे.
आरएसएस प्रमुख के रविवार को आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस भी हमलावर होती दिख रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा कि जब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण पर अपना बयान जारी कर कह दिया है कि इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा. उसके बाद मोहन भागवत के बयान का कोई महत्व नहीं रह जाता है.
प्रतिक्रिया देते कांग्रेस और बीजेपी नेता कांग्रेस करती रही है संशोधन का विरोध- सदानंद
सदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस शुरू से आरक्षण के साथ संशोधन करने की खिलाफत करती आ रही है. इसके अलावा जदयू-राजद और रामविलास पासवान जैसे राजनेताओं ने भी मोहन भागवत के बयान का विरोध किया है.
क्या बोले नीतीश के मंत्री
मोहन भागवत के बयान का जदयू ने भी विरोध किया है. बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरक्षण गैर-बराबरी को खत्म करने के लिए लागू किया गया है और जब तक समाज में गैर-बराबरी खत्म नहीं हो जाती है, तब तक आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करना घातक होगा. मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जदयू कभी भी आरक्षण खत्म करने के समर्थन में नहीं है.
भ्रम फैला रहा है विपक्ष- बीजेपी
पूरे मामले को लेकर बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि विपक्ष लगातार लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश में लगा है. आरक्षण को लेकर बीजेपी का स्टैंड बिल्कुल साफ है. वहीं, आरक्षण को लेकर पीएम मोदी के साथ-साथ आरएसएस ने भी लगातार यही बयान दिया है कि आरक्षण को खत्म करना संभव नहीं है.
क्या था मोहन भागवत का बयान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं. उन लोगों के बीच इस पर सद्भावनापूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए. भागवत ने कहा, 'उन्होंने पहले भी आरक्षण पर बात की थी लेकिन इससे बहुत हंगामा मचा और पूरी चर्चा वास्तविक मुद्दे से भटक गई.'