पटना:कोरोना नाम के कातिल वायरस की महामारी से दुनिया तंग तबाह है. सबकी कोशिश यही है कि जल्द से जल्द यमदूत बने कोरोना से छुटकारा पाया जाए. लेकिन बिहार में तो इसी साल चुनाव होने हैं. जाहिर है कि इस कातिल वायरस के कहर के बीच भी सियासत का होना तय है. कोई भी दल इससे अछूता नहीं है. शुरूआत धुरंधरों से करते हैं.
जेडीयू के एक नेता की शराब के साथ नाचते हुए तस्वीरें वायरल हो गईं. मुद्दा हाथ लगा तो नेता प्रतिपक्ष मौका कैसे चूक सकते थे. लिहाजा इन्होंने धांय से एक री-ट्वीट कर दिया. पार्टी ने वीडियो डाला और तेजस्वी ने सीएम नीतीश समेत पूरी सत्ताधारी पार्टी को घेर लिया.
ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट तेजस्वी का ट्वीट
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, इसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए. कानून का उल्लंघन करने वाला यह शख्स अगर गिरफ्तार नहीं होता है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि सरकार स्वयं इस कानून का उल्लंघन कर और करवा रही है.'
तेज ने भी किया 'तेज वार'
अब छोटे भाई ने सियासत शुरू की तो बड़ा भाई भला कैसे चुप रहता. लिहाजा लगे हाथ तेजप्रताप ने कोरोना भूल गमछे पर ही अपना राजनीतिक ध्यान केंद्रित कर दिया. तेज प्रताप यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अजीब प्रकार का महाज्ञानी स्वास्थ्य मंत्री पाया है हमारा बिहार..! लगे हाथ गमछे का रंग भी क्लियर कर देते. अपनी कामचोरी, कुव्यवस्था व बदहाली को छुपाने के लिए घरेलू मास्क का दुहाई देने लगे? ऐसा न हो कल होकर एम्बुलेंस के बदले जुगाड़ गाड़ी को उपयोग में लाने जैसा ज्ञान बांचने लगिएगा.'
- सियासी वार हुए तो पलटवार करने का मौका कैसे चूकते, लिहाजा बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने लगे हाथ गमछे पर ही विपक्ष को लपेटना शुरू कर दिया.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार के लोग जिस गमछे का इस्तेमाल करते रहे हैं, वह कोरोना संक्रमण के दौर में मास्क के रूप में भी उपयोगी है, लेकिन गरीबों के इस साधन का मजाक उड़ाया जा रहा है. प्रधानमंत्री के लिट्टी-चोखा खाने से जिनके पेट में दर्द हुआ, उन्हें उनके गमछा लपेटने से सियासी जुकाम हो रहा है.
चुनावी साल-कोरोना के कर दिया परेशान!
गौरतलब है कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के पहले सभी राजनीतिक पार्टियां इसके लिये बिगुल फूंक चुकी थी. सभी की बड़ी-बड़ी रैलियां आयोजित होनी थी. लेकिन कोरोना के ग्रहण ने इन रैलियों पर विराम लगा दिया और सभी नेताओं को लॉक कर दिया. ऐसे में, सभी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर निशाना साध रहे हैं और लोगों में अपने प्रति दिलचस्पी बनाने में लगे हैं.