पटना:जाप संरक्षक पप्पू यादव को 32 साल पुराने मामले में 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हालांकि कोरोना काल में पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर सियासत जारी है. विपक्ष सहित सत्ता पक्ष के कई नेताओं ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं, राजद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पप्पू यादव के बहाने बिहार सरकार पर निशाना साधा तो बीजेपी ने भी पलटवार किया.
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कहा जा रहा है कि कभी लालू यादव के खासमखास रहे पप्पू यादव जब कोरोना काल में चर्चा में आए तो राजद की बेचैनी बढ़ गई. बेचैनी तब ज्यादा बढ़ गई, जब पप्पू यादव लॉकडाउन के दौरान ही दिवंगत शहाबुद्दीन के परिवार से मिलने पहुंच गए. इसके बाद आनन-फानन में राजद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पप्पू यादव और एनडीए सरकार पर निशाना साधा. इस पर एनडीए ने इसे राजद की बेचैनी करार देते हुए कहा कि लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव के आगे किसी और नेता को बढ़ते नहीं देख सकते.
'सरकार ने नाकामी छिपाने के लिए पप्पू को किया गिरफ्तार'
राजद नेता लगातार जाप संरक्षक पप्पू यादव की गिरफ्तारी को एनडीए सरकार की नौटंकी बता रहे हैं. राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि लालू यादव ने जब वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के नेताओं को अपने-अपने इलाके में लोगों की मदद करने को कहा, तब एनडीए सरकार की बेचैनी बढ़ गई. एनडीए सरकार ने अस्पतालों की कुव्यवस्था और बक्सर जिले में गंगा घाटों पर तैरती लाशों के मामले को दबाने के लिए पप्पू यादव की गिरफ्तारी का हाई वोल्टेज ड्रामा रच दिया. बिहार सरकार नेअपनी नाकामी छिपाने के लिए पप्पू यादव को गिरफ्तार किया है.
'जनता को बरगलाया जा रहा'
इसके अलावा राजद नेता ने पप्पू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वो फरार तो 32 सालों से हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान भी राजद ने मधेपुरा में इस मामले को जिला प्रशासन के संज्ञान में लाया था, लेकिन तब सरकार ने पप्पू यादव को खुली छूट दे रखी थी. अब अपनी नाकामी छिपाने के लिए पप्पू यादव को गिरफ्तार कर जनता को बरगलाया जा रहा है.