पटना: बिहार बजट पर चर्चा के दौरान बिहार विधान परिषद में एक बार फिर लालू और नीतीश सरकार के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई. नौबत यहां तक आ पहुंची कि बिहार सरकार के एक मंत्री ने तत्कालीन लालू सरकार को कुपात्र बता दिया.
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बजट पर चर्चा के दौरान राजद नेता रामबली सिंह बजट की खामियों को गिना रहे थे. वहीं उन्होंने जब बीजेपी और जदयू सरकार पर की आलोचना की तो इसी दौरान सामने बैठे राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने टोका टोकी की. उन्होंने कहा कि यह मत भूलिए कि कभी आपकी सरकार भी बीजेपी के सहयोग से बनी थी. फिर रामसूरत राय ने कहा कि बीजेपी और जदयू लंबे समय से सहयोगी है. जबकि लालू कि सरकार से हमने समर्थन वापस ले लिया था क्योंकि वह सरकार कुपात्र थी और नीतीश सरकार सुपात्र है.
मंत्री के बयान को सदन से हटाने की मांग
मंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाया. राजद नेता सुबोध राय ने कहा कि मंत्री जिस संसदीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, इस शब्द को सदन की कार्यवाही से हटा देना चाहिए. सभापति ने तब इस शब्द को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया. वहीं सदन की कार्यवाही के बाद राजद नेता सुबोध राय ने कहा कि बिना लालू यादव का नाम लिए सरकार का कल्याण नहीं होता है. सुबोध राय ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि देख लीजिए लालू का नाम लेते लेते उनका प्रमोशन हो गया और यही काम बाकी एनडीए नेता भी कर रहे हैं.
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'दूसरे को क्यों देते हैं दोष'
इधर जदयू नेता खालिद अनवर ने कहा कि जब राजद ने अपने सबसे बड़े नेता लालू यादव को अपने पोस्टर से ही हटा दिया तो दूसरे को क्यों दोष देते हैं. उन्होंने कहा कि लालू ने जो अच्छे और बुरे काम किए उनकी चर्चा तो होगी ही.