पटना: देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही है. गैस की सब्सिडी भी लगभग खत्म होने की कगार पर है. महंगाई आसमान छू रही है. इन सब के बीच बढ़ती कीमतों का मुद्दा सदन में गूंजा और तमाम दल के विधायकों ने हालात पर चिंता व्यक्त की है.
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पेट्रोल और डीजल पर आम जनता दोहरी मार झेलने को मजबूर है. एक ओर केंद्र सरकार टैक्स बढ़ा रही है तो दूसरी ओर राज्य सरकारें भी टैक्स बढ़ाने में पीछे नहीं है. बिहार में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने आम लोगों को हिला दिया है. पेट्रोल और डीजल की जितनी कीमत है उससे ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है. पेट्रोल की मूल कीमत डीजल से कम है. लेकिन टैक्स लगाने के बाद आंकड़ा उल्टा हो जाता है. वहीं केंद्र और राज्य की सरकार ने आम लोगों को इन टैक्सों में उलझा दिया है.
बढ़ती कीमतों पर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह का बयान लगाए जाते हैं कई टैक्स
बिहार में पेट्रोल की कीमत 36.99 रुपए है. जिस पर एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपए, 18.26 रुपए वैट 18 रुपए भाड़ा और डीलर कमीशन 3.50 रुपए वसूला जा रहा है. वहीं डीजल की मूल कीमत 37.50 रुपए है. डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 31.80 रुपए, वैट 13.25 रुपए, भाड़ा 18 रुपए और डीलर कमीशन 2 रुपए वसूला जा रहा है. इधर केंद्र की सरकार गैस पर भी सब्सिडी लगातार कम कर रही है. 900 रुपए के सिलेंडर पर अब मात्र 60 से 70 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है. धीरे धीरे गैस पर सब्सिडी खत्म करने की कवायद जारी है.
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पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत पर चल रहा सियासी घमासान
वहीं पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर सियासी घमासान मचा हुआ है. विपक्षी पार्टी के सभी नेता सरकार को इस मुद्दे पर घेर रही है. इस मुद्दे पर कई पार्टी के नेताओं ने सरकार की आलोचना की है.
'अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत न्यूनतम स्तर पर है. इसके बावजूद भारत जैसे देश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के पार चली गई है. डीजल की कीमतों में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है. जिससे महंगाई बढ़ रही है. केंद्र सरकार की मंशा रसोई गैस पर सब्सिडी खत्म करने की है.' -अजीत कुमार, विधायक, भाकपा माले.
'केंद्र में जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब भाजपा के लोग प्रदर्शन करते थे. उस समय पेट्रोल की कीमत 66 रुपए प्रति लीटर थी. वहीं आज जब पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर है, तब ये लोग चुपचाप बैठे हैं. इन्हें चूड़ी पहन कर बैठना चाहिए.' -मुन्ना तिवारी, कांग्रेस विधायक.
'पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोग भुखमरी के कगार पर हैं. जरूरी सामान की कीमतें में हर रोज बढ़ोतरी हो रही है. राम के देश में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर और रावण के देश में पेट्रोल 60 रुपए प्रति लीटर है. केंद्र की सरकार को शर्म करनी चाहिए.' -रामानुज प्रसाद, राजद विधायक.
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सरकार जल्द ही कीमतों को करेगी नियंत्रित
वहीं कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि बढ़ती कीमतों से सरकार भी चिंतित है. लेकिन केंद्र और राज्य की सरकार के पास विकल्प सीमित है. जल्द ही सरकार बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करेगी.