UCC लागू करने को लेकर छिड़ी जंग पटना: यूनिफॉर्म सिविल कोड इस वक्त देश में बड़ा मुद्दा बना हुआ है. इसको लागू करने के पक्ष में और खिलाफ में बहस भी जारी है. दिल्ली में बैठक को लेकर भाजपा तैयारियों में जुटी है. पर महागठबंधन में ही यूसीसी को लेकर मतभेद देखने को मिल रहा है.
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UCC लागू करने को लेकर छिड़ी जंग: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना चाह रही है. यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सरकारी स्तर पर जहां तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं राजनीतिक दल विरोध में आवाज भी बुलंद कर रहे हैं. 3 जुलाई को दिल्ली में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बैठक होनी है.
3 जुलाई को अहम बैठक: बैठक में मामलों पर विमर्श भी किया जाएगा. भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को संसदीय समिति में स्टैंडिंग काउंसिल का चेयरमैन बनाया गया है. सुशील मोदी ने कहा कि 3 जुलाई की बैठक में जो लॉ कमीशन है और लेजिस्लेटिव डिपार्टमेंट को आमंत्रित किया गया है.
मीटिंग में इन बातों पर हो सकती है चर्चा: सुशील कुमार मोदी ने जानकारी दी है कि पर्सनल लॉ पर अध्ययन करना हमारी कमेटी लॉ एंड जस्टिस के अधिकार क्षेत्र में है. हम लॉ कमीशन, भारत सरकार के प्रतिनिधियों को इसमें बुला रहे हैं. लॉ कमीशन ने एक विमर्श पत्र जारी किया है, उसको देखा जाएगा.
महागठबंधन में मतभेद: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बिहार में भी सियासी संग्राम छिड़ा है. भाजपा ने जहां यूसीसी के पक्ष में आवाज बुलंद किया है. वहीं राजद ने इसकी मुखालफत की है, जबकि जदयू फिलहाल पशोपेश में दिख रही है.
'यूनिफॉर्म सिविल कोड देश की मांग': भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड देश की मांग है और संविधान सम्मत भी है यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट को देश में लागू किया जाना चाहिए जो लोग इस मुद्दे पर सियासत कर रहे हैं, वह देश के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं.
जेडीयू में मंथन जारी: राष्ट्रीय जनता दल ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में आवाज बुलंद किया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि हम ऐसे किसी भी बिल के खिलाफ हैं जो जाति धर्म के आधार पर बनाया जा रहा हो. वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर जदयू का स्टैंड क्लियर नहीं है. पार्टी नेता फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. मिल रही जानकारी के मुताबिक यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर जदयू के अंदर मंथन का दौर जारी है.
हमने अपनी राय पहले ही बता दी है. देश के अंदर कई भाषा,धर्म है. खान-पान रीति रिवाज अलग. लॉ कमीशन इसका ख्याल रखने की बात करती है. यह चुनाव का शिगुफा है. इसे जरूरी समझा जाता तो पहले ही संविधान निर्माता कर देते.- शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी
"राष्ट्रीय की एकता अखंडता और मान सम्मान के साथ जीने के लिए यूसीसी जरूरी है. संविधान निर्माताओं के अनुकूल है."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
JDU को एतराज:इससे पहले जदयू ने यूसीसी पर ऐतराज जताया था. मंत्री अशोक चौधरी ने कहा था कि चुनाव आते ही सरकार समान नागरिक संहिता की बात करती है. इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को साथ में विचार करने की आवश्यकता है.
कहां-कहां लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड :बता दें कि समान नागरिक संहिता गोवा में लागू है. गोवा को विशेष राज्य का दर्जा मिलने के साथ-साथ राज्य में समान नागरिक संहिता कानून भी लागू है. वहीं, दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून लागू हैं. इनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, अमेरिका और आयरलैंड जैसे देश शामिल हैं, जो समान नागरिक संहिता को मानते है. इन देशों में सभी धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून होता है.