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Odisha Train Accident : 'नीतीश देशभर घूम रहे लेकिन ओडिशा रेल हादसे में मारे गए बिहारियों की मदद का समय नहीं' - Odisha Rail Accident

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला. उन्होंने कहा है कि वो पीएम बनने के लिए देश भर में घूम रहे हैं लेकिन ओडिशा रेल हादसा में मारे गए बिहार के लोगों के लिए समय नहीं है. उनका जो रवैया है वो...

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर

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Published : Jun 10, 2023, 7:05 PM IST

पटना: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसा में बिहार के 45 लोगों की मौत हो गई. इसको लेकर जन सुराज संयोजक प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ''बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अभी तक का रवैया फर्ज अदायगी जैसा ही है.''

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'मुख्यमंत्री के पास अपने लोगों के लिए समय नहीं' : नीतीश कुमार के इस बेहद असंवेदनशील रवैये पर प्रशांत किशोर ने शनिवार को कड़े शब्दों में नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे देश में प्रधानमंत्री बनने का सपना लिए घूम रहे हैं, लेकिन उनके पास ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में प्रभावित बिहार के लोगों की मदद करने के लिए समय नहीं है.


प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि''प्रधानमंत्री बनने का सपना लेकर देशभर में घूम रहे नीतीश के पास ओडिशा रेल दुर्घटना में हताहत हुए बिहार के लोगों की मदद के लिए समय नहीं है. कारोना के बाद भाजपा की मदद से इनको किसी तरह 42 सीटें मिल गई थीं. अब अगले चुनावों में कोई नाम लेने वाला नहीं बचेगा.''


पीके का नीतीश पर प्रहार: प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के साथ-साथ राजनीतिक दलों पर लगातार हमला बोलते नजर आते हैं. हालांकि ओडिशा में हुए रेल दुर्घटना से पूरा देश मर्महार्त है. नीतीश कुमार रेल हादसे में बिहार के 45 मौत पर किसी परिजनों से मिलने का काम नहीं किए. क्या सिर्फ बिहार के जनता को मूर्ख बनाकर वोट लेने का काम करते रहेंगे? उन्होंने कहा कि समय नजदीक है नीतीश कुमार को जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करके जवाब देने का काम करेगी.


हादसे में बिहार के 45 लोगों की मौत कई लापता : बता दें कि इस भीषण ट्रेन हादसे में बिहार के मृतकों की संख्या 45 है. कई अभी भी लापता हैं. मरने वालों में मधुबनी के रहने वाले 7 लोग थे. इसके अलावा पूर्णिया के दो, मुजफ्फरपुर के चार, नवादा के दो, पश्चिमी चंपारण के दो, दरभंगा के दो, भागलपुर के तीन और पूर्वी चंपारण जिले के तीन मृतक शामिल हैं.

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