बिहार में बजरंग दल को बैन करनी की मांग पर सियासत तेज. पटनाः कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में अपने घोषणापत्र में बजरंग दल और पीएफआई को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रखा है. इसके बाद बिहार में भी बजरंग दल की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं. नालंदा के जदयू सांसद कौशलेंद्र ने मांग की है कि बिहार में भी बजरंग दल को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. जदयू सांसद की मांग के बाद महागठबंधन के घटक दलों ने भी सुर में सुर मिलाया (Political ruckus on demand to ban Bajrang Dal) है.
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"बजरंग दल को लेकर वोट बैंक की राजनीति हो रही है. महागठबंधन के लोग ध्रुवीकरण की सियासत कर रहे हैं, ऐसे मुद्दों का जन सरोकार से कोई मतलब नहीं है. राजनीतिक दल सिर्फ वोट की फसल काटने के लिए इस तरह की बात करते हैं"- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक
भूमिका संदिग्ध रही है: जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा है कि बजरंग दल की भूमिका संदिग्ध रही है. कई बार सांप्रदायिक हिंसा मामले में बजरंग दल से जुड़े लोगों का नाम आया है बजरंग दल को बिहार में भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. राजद प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा है कि बजरंग दल से जुड़े लोग समाज में वैमनस्य फैलाने का काम करते हैं. वैलेंटाइन डे के मौके पर छात्राओं को तंग किया जाता है तो सांप्रदायिक हिंसा के दौरान उनकी भूमिका संदिग्ध पाई जाती है.
समाज बंटता है: कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि कर्नाटक में हमारे घोषणा पत्र में पीएफआई और बजरंग दल दोनों को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हम लोगों की मांग है कि बिहार सहित देश के तमाम राज्यों में दोनों संगठनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. भाजपा से जुड़े अल्पसंख्यक नेता महागठबंधन नेताओं के बयान पर चिंता जता रहे हैं. तूफेल कादरी ने कहा है कि महागठबंधन के लोग ओछी राजनीति कर रहे हैं. बिहार के विकास की बात होनी चाहिए इस तरह की बात से समाज बंटता है.