पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पीएम मैटेरियल को लेकर एक बार फिर से चर्चा हो रही है. पिछले दिनों जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बयान दिया था कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं. कुशवाहा के इस बयान पर राजनीति हो रही है. विपक्ष इसे बीजेपी पर दबाव बनाने की साजिश बता रहा है.
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लोकसभा का चुनाव 2024 में होना है. चुनाव में अभी लंबा समय है, लेकिन कई स्तरों पर मोर्चाबंदी शुरू है. थर्ड फ्रंट बनाने की भी चर्चा हो रही है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने में लगे हैं. कभी नीतीश कुमार ने भी विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हुए थे. अब बीजेपी जदयू के बीच जिस प्रकार से खटपट हो रहे हैं, उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को फिर से पीएम मैटेरियल बताकर एक मैसेज देने की कोशिश की है.
ऐसे तो नीतीश कुमार ने खुलकर कभी नहीं कहा कि उनमें पीएम के गुण हैं. हालांकि एक बार उन्होंने जरूर कहा था कि जिन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया गया है उनसे अधिक राजनीतिक अनुभव है. इसको लेकर काफी चर्चा भी हुई थी. यह वह वक्त था जब नीतीश नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के कारण एनडीए से अलग हो गए थे. हालांकि बाद में नीतीश महागठबंधन से निकलकर फिर से एनडीए में शामिल हो गए.
जदयू के नेताओं को लगता है कि नरेंद्र मोदी के मुकाबले देश में कोई नेता है तो वह नीतीश कुमार ही हैं. हालांकि जदयू के नेता एनडीए में रहते हुए खुलकर बोलने से बचते रहे हैं. हाल ही में जदयू में शामिल हुए उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताकर एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है. इसपर विपक्ष के कई नेता निशाना भी साथ रहे हैं.
"उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के पीएम मैटेरियल की बात कह रहे हैं. देश में पीएम पद के लिए 2024 तक कोई वैकेंसी नहीं है. सभी पार्टी के लोगों को अपने नेता में पीएम के गुण दिखते हैं."- आलोक रंजन झा, मंत्री और बीजेपी नेता
"नीतीश कुमार ने वह अवसर खो दिया है. उनमें कमिटमेंट नहीं है. वह सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता करते हैं. कब ये कम्युनल, सेकुलर या सोशलिस्ट हो जाएंगे इसका भरोसा नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा से बयान दिलवाने के पीछे बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश हो सकती है."- रामानुज प्रसाद, विधायक, आरजेडी