पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है. तमाम सियासी पार्टियां अपने-अपने स्तर से प्रचार और रणनीति बनाने में जुट गई हैं. इस बीच चुनाव आयोग की ओर से एक रिपोर्ट जारी हुई है, जिससे पता चलता है कि कई दलों के पास बूथ लेवल पर एक पोलिंग एजेंट तक नहीं है.
आयोग की इस रिपोर्ट के मुताबिक जो दल 70 या 100 सीट पर चुनाव लड़ने का दम भर रहे हैं. उनके पास हर बूथ पर एक पोलिंग एजेंट तक नहीं है. एनडीए में तो बीजेपी और जेडीयू की हालत थोड़ी ठीक जरूर है, लेकिन एलजेपी सबसे बुरी स्थिति में है. वहीं, विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी बूथ लेवल पर पोलिंग एजेंट के मामले में यहां आरजेडी के सामने बौना दिख रही है.
महागठबंधन के दलों का हाल बेहाल
अगर महागठबंधन के सहयोगी दलों की बात करें तो स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. सवाल ये है कि आखिर चुनाव में अधिक सीटों का दावा करने वाले नेता अपने क्षेत्र में भी बूथ लेवल एजेंट तक बहाल करने में असफल क्यों हैं? चुनाव आयोग की रिपोर्ट से पता चलता है कि इन दलों की तैयारी किस स्तर की है.
भारतीय जनता पार्टी के विधायक अरुण कुमार 'अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना मजबूरी'
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा कहते हैं कि सभी दलों को अधिक से अधिक सीटों पर लड़ना मजबूरी है. उन्होेंने कहा कि कई बार कार्यकर्ताओं के दबाव में अधिक सीटों का डिमांड किया जाता है. लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों को मालूम है कि वह कितनी सीटों पर जीत सकते हैं और उन्हें कितनी सीटों पर लड़ना चाहिए.
बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा आरजेडी का एनडीए पर तंज
वहीं, राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि भाजपा और जदयू मिलकर हमारे बराबर तक पहुंच पा रही है. उन्होंने कहा कि जिन दलों के पास पर्याप्त संख्या में बूथ लेवल एजेंट तक नहीं है, वे चुनाव में क्या मुकाबला करेंगे. अपने सहयोगियों के बारे में विजय प्रकाश कहते हैं कि वे लोग जल्द ही हर बूथ पर अपना अपना एजेंट बहाल कर लेंगे. लेकिन इतना तय है कि राज्य में राजद से बड़ी कोई पार्टी नहीं है.
बीजेपी विधायक ने दी जानकारी
भारतीय जनता पार्टी के विधायक अरुण कुमार कहते हैं कि वह आज ही प्रदेश स्तर के अधिकारियों से इस विषय पर बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि आखिर बीजेपी कैसे बूथ लेवल एजेंट बनाने में पीछे रह गई. अरुण कुमार ने बताया कि इस विधानसभा चुनाव के लिए हर बूथ पर पार्टी ने सप्त ऋषि का गठन किया है. जहां तक अन्य राजनीतिक दलों का सवाल है, वे भले ही सभी अधिक सीटों का दावा कर लें. लेकिन परिणाम शून्य होगा.
राज्य में करीब 72 हजार से अधिक बूथ हैं. एक नजर में देखिए बूथ लेवल एजेंट
भारतीय जनता पार्टी - 38713 ( BLA).
2 जिलो में नहीं हैं एक भी एजेंट.
अररिया और पूर्णिया में एक भी बूथ लेवल एजेंट नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उनका दावा है कि आगामी चुनाव में दो तिहाई बहुमत से एनडीए जीतेगा.
जनता दल यूनाइटेड - 26864 (BLA)
12 जिलो में एक भी बूथ लेवल एजेंट नहीं है.
अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बक्सर, गोपालगंज, जमुई, कैमूर, किशनगंज, पूर्णिया, शिवहर, सीतामढ़ी और सिवान में एक भी बूथ लेवल एजेंट नहीं है. 15 साल से बिहार में सरकार चलाने वाली जनता दल यूनाइटेड हर जिले में बूथ लेवल एजेंट तक नहीं बना पाई.
लोक जनशक्ति पार्टी - 2542 (BLA)
32 जिलों में नहीं है बूथ लेवल एजेंट.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी सिर्फ कटिहार, खगड़िया, रोहतास, सारण, सुपौल और सीतामढ़ी में ही बूथ लेवल एजेंट बना पाई है. लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो रामविलास पासवान हाजीपुर और उनके बेटे चिराग पासवान जमुई से चुनाव लड़ने के बावजूद वहां पर भी बूथ लेवल एजेंट नहीं बना पाए हैं.
राष्ट्रीय जनता दल - 50268 (BLA)
2 जिलों में नहीं है बूथ लेवल एजेंट.
लखीसराय और मधुबनी में नहीं है एक भी बूथ लेवल एजेंट.
बिहार में राजद बूथ लेवल एजेंट के मामले में सबसे बड़ी पार्टी है. गौरतलब है कि आगामी विधानसभा चुनाव में राजद ने तेजस्वी यादव के चेहरे पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
भारतीय नेशनल कांग्रेस - 2244 (BLA)
32 जिलों में नहीं है एक भी एजेंट.
भागलपुर, भोजपुर, रोहतास, शेखपुरा, सिवान और वैशाली में ही कांग्रेस का बूथ लेवल एजेंट है.
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की स्थिति बिहार में काफी खराब है. वहीं, इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई नेता 70 या उससे भी अधिक सीटों पर लड़ने का दावा कर रही है.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी - 2074 (BLA)
35 जिलों में नहीं है एक भी बूथ लेवल एजेंट.
कैमूर, रोहतास और पश्चिमी चंपारण में रालोसपा ने बूथ लेवल एजेंट बनाने में सफलता पाई है. गौरतलब है कि रालोसपा सुप्रीमो ने पिछली बार लोकसभा में 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था. जिसमें 2 सीटों पर वह खुद चुनाव लड़े थे. तब एक भी सीट जीत में तब्दील नहीं हो पाई. आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक सीटों पर लड़ने के लिए वे पटना से दिल्ली तक का चक्कर लगा रहे हैं.
इन प्रमुख पार्टियों के अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की जानकारी अब तक चुनाव आयोग के पास नहीं है.एनसीपी के पास 896 बूथ लेवल एजेंट हैं.सीपीएम के पास 271 बूथ लेवल एजेंट हैं. सीपीआई के पास राज्य में 56 बूथ लेवल एजेंट हैं.बीएसपी के पास राज्य में 79 बूथ लेवल एजेंट हैं.इसके अलावा टीएमसी और नेशनल पीपुल्स पार्टी का एक भी बूथ लेवल एजेंट नहीं है. बता दें कि ये पूरी लिस्ट चुनाव आयोग ने जारी की है.