पटना: चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नीतीश कुमार की ओर से अंतिम चुनाव लड़ने की बात कहने को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि मुख्यमंत्री के ऐलान का फिलहाल कोई अंतिम निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है. लेकिन उनके ऐलान से हाल के दिनों में जो वोटर नाराज थे. उनका मन बदल सकता है. ऐसे में यह बयान मास्टर स्ट्रोक बन सकता है.
नीतीश के ऐलान से NDA को मिल सकता है लाभ, अंतिम निष्कर्ष निकालना फिलहाल मुश्किल: राजनीतिक विशेषज्ञ - announcement of nitish kuamr
राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि नीतीश कुमार के ऐलान का विशेषज्ञ भी अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं. लेकिन यह तय है कि नीतीश कुमार ने एक मास्टर स्ट्रोक खेला है. अब जनता का कितना सहानुभूति ले पाते हैं. यह देखने वाली बात होगी.
"चुनावी रैली में नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से लोगों से संवाद किया है और अपना अंतिम चुनाव बताया है. उसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं. लेकिन अंतिम निष्कर्ष निकालना फिलहाल मुश्किल है. तीसरे फेज के चुनाव से ठीक पहले नीतीश के ऐलान का एनडीए को लाभ मिल सकता है, जो लोग नाराज हैं. उनके मन में यह बात आ सकती है कि एक बार और इन्हें वोट दे ही दें. ऐसे में नीतीश के मास्टर स्ट्रोक का एनडीए को लाभ मिल सकता है."- अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
सीएम नीतीश का मास्टर स्ट्रोक
राजनीतिक विशेषज्ञ अजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार के ऐलान पर जहां विपक्ष के नेता यह कहने लगे हैं कि हम लोग पहले से कहते रहे हैं नीतीश थक चुके हैं और अब इनसे बिहार संभलने वाला नहीं है. लेकिन जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार ने जो भी कहा है वह आखरी चरण के चुनाव प्रचार को लेकर कहा है. कुछ नेताओं का तर्क यह भी है कि नीतीश कुमार अगले 5 सालों तक मुख्यमंत्री रहेंगे, तो तय है कि उनकी उम्र इतनी हो जाएगी. अगले विधानसभा चुनाव में उनकी सक्रियता ना हो, तो नीतीश कुमार का ऐलान कुछ गलत भी नहीं है. नीतीश कुमार के ऐलान का विशेषज्ञ भी अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं. लेकिन यह तय है नीतीश कुमार ने एक मास्टर स्ट्रोक खेला है. अब जनता का कितना सहानुभूति ले पाते हैं. यह देखने वाली बात होगी.