पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार बने पांच महीने हुए हैं और फूट के स्वर उभरने (Political Clash Between RJD JDU ) लगे हैं. आरजेडी के एक के बाद एक विधायकों ने जेडीयू की मुश्किलें बढ़ा दी है. आरजेडी विधायक सीधे नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव इसे बर्दाश्त नहीं करने वाली बात कह रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है. उपेंद्र कुशवाहा ने जरूर मोर्चा खोल रखा है और खरमास तक इंतजार करने की बात कह रहे हैं. ऐसे में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) इसे आरजेडी का अंदरूनी मामला बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
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शुरू से सुधाकर सिंह कर रहे वारःनीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बने पांच महीने हुए हैं, लेकिन आरजेडी विधायकों के बयान ने जदयू नेताओं को जवाब देना मुश्किल कर दिया है. पूर्व मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह नीतीश कुमार को शिखंडी से लेकर नाइटवॉचमैन तक कहा था. समाधान यात्रा पर भी सवाल खड़ा करते रहे हैं, मंडी कानून पर भी घेर रहे हैं, सुधाकर सिंह इकलौते नहीं है. उसके बाद दिनारा के आरजेडी विधायक विजय मंडल ने जिस प्रकार से बीजेपी के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा के साथ बातचीत करते हुए खुलेआम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को निरंकुश बताया और समाधान यात्रा पर तंज कसा उससे जदयू खेमे में बेचैनी दिख रही है.
जेडीयू नेता कर रहे खरमास का इंतजारः इधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इसे आरजेडी का अंदरूनी मामला बता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि महागठबंधन का मामला प्रेस के माध्यम से तय नहीं करते हैं. यह काम बीजेपी करती थी जब हम लोग एनडीए में थे. एक तरह से टालने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि खरमास तक इंतजार कीजिए. क्योंकि कोई भी नेता बयान देता है तो उसी दल को देखना है. तेजस्वी यादव कह कि बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं तो आखिर बर्दाश्त क्यों कर रहे हैं. ऐसे जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भरोसा है कि सहयोगी दल ऐसे नेताओं पर जरूर कार्रवाई करेगा.