पटना : बिहार के लाखों बेरोजगार युवा उम्मीद भरी नजरों से सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. उनकी उम्मीद तो बरसों से लगी है, लेकिन अपेक्षाएं तब बढ़ गई जब राष्ट्रीय जनता दल ने 10 लाख सरकारी नौकरियों का वायदा कर बिहार में इसे चुनावी मुद्दा बना दिया. चुनाव के बाद विपक्ष एक बार फिर सरकार पर हावी है और इधर सरकार भी 20 लाख रोजगार सृजन की बात कैबिनेट के जरिए कहकर युवाओं की उम्मीदों को बढ़ा रही है. हालांकि यह 20 लाख रोजगार कहां से आएंगे इस पर सवाल बरकरार है.
सरकार पर हमलावर विपक्ष
चुनाव के बाद अब महागठबंधन के लोग चुनावी वादों को लेकर सरकार के पीछे पड़े हुए हैं. विपक्ष नीतीश सरकार को लगातार अल्टीमेटम दे रहा है कि उसे अपना 19 लाख रोजगार का वायदा जल्द से जल्द पूरा करना होगा. दूसरी तरफ बिहार की नई सरकार चुनाव में किए रोजगार के वायदे को पूरा करने के लिए कोशिश करती नजर आ रही है. कैबिनेट बैठक में ही नीतीश सरकार ने 20 लाख रोजगार सृजन की कवायद शुरू कर दी है. 20 लाख से अधिक रोजगार सृजन का फैसला आत्मनिर्भर बिहार अभियान के तहत लिया गया है.
किन जगहों पर और कैसे मिलेगा रोजगार?
कैबिनेट के जरिए नीतीश सरकार ने युवाओं के कौशल विकास की बात की है और उनके गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण और उसके आधार पर अपना उद्यम लगाने का पूरा रोड मैप तय किया है. इसके तहत पांच लाख तक अनुदान देने की बात भी कही गई है. बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्र ने कहा कि उनका विभाग युवाओं को रोजगार देने में अग्रणी भूमिका निभाएगा. श्रम संसाधन विभाग कुशल युवा प्रोग्राम के जरिए युवाओं को नए कौशल का प्रशिक्षण देगा जो आईटीआई पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा धारी नहीं हैं.
सभी जिलों में मेगा स्किल सेंटर का जिक्र
राज्य के हर एक जिले में एक-एक मेगा स्किल सेंटर खोलने की बात कही गई है. जिन्हें सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा. इनमें प्रमुख तौर पर ब्यूटी एवं वैलनेस ट्रेनिंग, बुजुर्ग और मरीजों की देखभाल के लिए केयर सेंटर, सोलर पैनल मैकेनिक, एयर कंडीशनिंग मैकेनिक जैसे क्षेत्रों में ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. हर प्रमंडल में टूल रूम स्थापित करने की बात भी कही गई है. जिसमें आईटीआई और पॉलिटेक्निक से ट्रेनिंग पाने वाले युवाओं को अत्याधुनिक मशीनों पर नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा.