प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार पटना :कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खासम-खास रहे प्रशांत किशोर ने नीतीश को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी से नीतीश के संबंध अभी भी बरकरार है. भले ही विपक्षियों पार्टियों को लेकर आगे बढ़ रहे हों लेकिन उनका बीजेपी से जुड़े रहने का एक चैनल अभी भी खुला हुआ है. दरअसल, प्रशांत किशोर नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जेडीयू द्वारा किए जा रहे विरोध को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ देश स्तर पर कोई बड़ा महागठबंधन खड़ा करने की दिशा में प्रयासरत हैं लेकिन यह बात पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है.
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''बिहार में नीतीश कुमार ने महा गठबंधन के साथ बिहार में सरकार बनाई है, लेकिन देश में कई लोगों को ऐसा लग रहा है कि नितीश कुमार भाजपा के खिलाफ देश स्तर पर कोई बड़ा महा गठबंधन बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं. यह बात पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
'नीतीश विश्वसनीय नहीं..': जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कहां कि ज्यादातर देसी विपक्षी पार्टीयां विरोध कर रही हैं. नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं. लेकिन विपक्षी पाटियां हैं वह विरोध करने में जुटी हुई हैं. इसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित बिहार की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शामिल है. प्रशांत किशोर ने कहा कि इसको लेकर जदयू उद्घाटन के दिन यानी 28 मई को बिहार में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी. लेकिन इन सबके बीच प्रशांत किशोर का मानना है कि यह सबकुछ विश्वसनीय नहीं दिख रहा है क्योंकि बीजेपी से कनेक्शन अभी भी जुड़ा हुआ है. क्या है वो कनेक्शन उन्होंने आगे बताया.
पीके ने समझाया जेडीयू का बीजेपी कनेक्शन : प्रशांत किशोर ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है कि नीतीश कुमार महागठबंधन में जरूर हैं, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ चैनल बंद नहीं किए हैं. इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि हरिवंश नारायण जो राज्यसभा के उप सभापति के पद पर बने हुए हैं. हरिवंश नारायण जनता दल यूनाइटेड के एमपी हैं. भाजपा को जब नीतीश कुमार ने छोड़ा और उस गठबंधन से बाहर आए तो हरिवंश ने ना उप सभापति के पद से इस्तीफा दिया है और ना ही पार्टी ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा है. ना ही पार्टी की तरफ से कोई कारवाई की गई है. यह बात समझ से परे है कि जिस गठबंधन से नीतीश कुमार बाहर आ गए उस दल में आप या आपके दल का एक एमपी राज्यसभा में उप सभापति जैसे महत्वपूर्ण पद पर कैसे बना रह सकता है?
''मेरी जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार का भाजपा के साथ जो संपर्क है उसमें हरिवंश के माध्यम से आज भी बना हुआ है. इसलिए नीतीश कुमार भाजपा पर ज्यादा बोल नहीं पाते हैं. भले दिखावे के लिए नीतीश कुमार कुछ बयान तो देते हैं, लेकिन अंदर से आज भी नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ जाने का इरादा है.''-प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार