नीतीश सरकार के फैसलों पर राजनीतिक विशेषज्ञ के राय पटना : सीएम नीतीश कुमार ने अक्टूबर में एक के बाद एक कईबड़े फैसलेलिये हैं. 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की गई. देश में बिहार पहला राज्य बना, जहां इस तरह की रिपोर्ट जारी की गई है. हालांकि इसमें आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन इस रिपोर्ट को लेकर सियासी मायने लगाए जा रहे हैं. अक्टूबर महीने में ही नीतीश कुमार ने न्यायिक सेवा में सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण देने का फैसला भी कैबिनेट में लिया है, जो अपर कास्ट को खुश करने की कोशिश है.
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अधिकारियों और कर्मचारियों को मिला प्रमोशन : अभी हाल ही में पिछले 2016 से कर्मचारियों और प्राधिकारियों का प्रमोशन रुका हुआ था, लेकिन कैबिनेट में इसके लिए रास्ता निकाला गया है. इससे सीधे 4 से 5 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा. 75000 कर्मचारी पदाधिकारी का तो 1 से 2 महीने में ही प्रमोशन हो जाएगा और उन्हें वेतन और अन्य सुविधाएं मिलेगी. इसके अलावा नियोजित शिक्षकों का मामला भी लंबे समय से चल रहा है. उनकी मांग है कि उन्हें सरकारी शिक्षक बनाया जाए और सरकार ने उनके लिए एक रास्ता निकाला है. विशिष्ट शिक्षक बनाने का.
नियोजित शिक्षक को मिलेगा विशिष्ट शिक्षकों का दर्जा : बता दें कि बिहार में चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं और इन्हीं शिक्षकों में से विशिष्ट शिक्षक बनाए जाएंगे. यह सभी फैसले अक्टूबर महीने में लिए गए हैं और राजनीतिक विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि भले ही इससे सीधे कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा और अच्छा फैसला है, लेकिन इसका सीधा संबंध आने वाले चुनाव से है. चुनाव को देखकर ही नीतीश कुमार ने कर्मचारियों के बड़े वर्ग को खुश करने की कोशिश की है.
"नीतीश कुमार जी कई फैसले लगातार ले रहे हैं. इसकी पृष्ठभूमि में साफ दिख रहा है कि इसका कारण चुनाव ही है, लेकिन इससे अगर लोगों को फायदा मिल रहा तो यह अच्छी बात है. वह अच्छा कर रहे हैं, लेकिन अभी इतनी जल्दी-जल्दी जो ये सब जो निर्णय लिये जा रहे हैं, इसका सीधा मतलब 2024 के चुनाव के लिए है."-प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
सीएम के फैसले से प्रभावित होंगे 30 से 35 लाख कर्मी ओर उनके परिजन : अक्टूबर में नीतीश सरकार की ओर से लिए गए फैसलों से 8 से 10 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे और इस हिसाब से जोड़ा जाए 30 से 35 लाख कर्मचारी और उनके परिवार पर असर डाल सकता है. अब चुनाव में इसका कितना लाभ मिलेगा यह तो देखने वाली बात है.
चुनावी मोड में आ चुके हैं नीतीश कुमार :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तरफ सरकार के स्तर पर बड़े फैसले लगातार ले रहे हैं, तो वहीं पार्टी के स्तर पर भी दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, व्यवसायी और मुसलमानों को लेकर ऐसे कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो साफ चुनाव को देख ध्यान में रखकर आयोजित हो रहे हैं. पार्टी के नेता भी कह रहे हैं कि उनकी चुनाव की तैयारी हो रही है. एक तरह से देखें तो नीतीश कुमार पूरी तरह से चुनावी मोड में दिखने लगे हैं.