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अगर झारखंड में चला PK का जादू, तो बिहार विस चुनाव में हो सकता है आरसीपी सिंह का कद छोटा! - सीएम नीतीश कुमार

इसी साल झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है. पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने 20 से अधिक सीटों को टारगेट करने की रणनीति तैयार करने को कहा है. लेकिन अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव भी होने हैं.

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Published : Aug 28, 2019, 8:48 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 9:37 PM IST

पटना:जदयू संगठन की जिम्मेदारी लंबे समय से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने अपने कंधों पर उठा रखी है. पिछले साल राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल कराया था और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था. तब कहा जाने लगा कि प्रशांत किशोर पार्टी में दूसरे नंबर के नेता हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. नीतीश आरसीपी पर ही विश्वास करते रहे.

वहीं, लोकसभा चुनाव में आरसीपी और पीके का विवाद किसी से छिपा नहीं है. अब एक बार फिर चर्चा है कि नीतीश कुमार पीके के सहारे आरसीपी का कद छोटा करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. पहले झारखंड कि अहम जिम्मेदारी पीके को देंगे और फिर अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की भी.

प्रसार में जुटी पार्टी

इसी साल झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है. पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने 20 से अधिक सीटों को टारगेट करने की रणनीति तैयार करने को कहा है. लेकिन अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव भी होने हैं. जब प्रशांत किशोर जदयू में शामिल हुए थे और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे. तब उनके कंधे पर छात्र जदयू की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में पार्टी को पहली बार अध्यक्ष पद दिलाया था.

आरसीपी सिंह से विवाद के कारण पीके ने बनाई दूरी!
उसके बाद आरसीपी सिंह के साथ हुए विवाद के कारण बिहार को अलविदा कह दिया और दूसरे राज्यों में काम करने लगे. तेलंगाना में जगन रेड्डी के लिए उन्होंने प्रचार अभियान किया और रणनीति बनायी. उनकी रणनीति काफी सफल साबित रही. जगन रेड्डी की पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ विधानसभा चुनाव जीती है और सरकार बना चुकी है. फिलहाल, पीके इस समय ममता बनर्जी के लिए बंगाल में काम कर रहे हैं. वहीं, अब यह चर्चा है कि नीतीश प्रशांत किशोर की नाराजगी जल्द दूर करेंगे.

खास रिपोर्ट

पूरे मामले पर शांत हैं पार्टी नेता
ऐसा माना जा रहा है कि झारखंड चुनाव में अगर सबकुछ ठीक होता है तो प्रशांत किशोर को बिहार विधानसभा चुनाव की भी जिम्मेवारी दी जा सकती है. तब आरसीपी सिंह, जो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और संगठन का कामकाज देख रहे हैं. उनका कद छोटा किया जाएगा. हालांकि, पार्टी के नेता फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक (फाइल फोटो)

बीजेपी-जदयू में मुकाबला
झारखंड विधानसभा चुनाव में जदयू का मुकाबला वर्तमान में सत्तासीन बीजेपी से भी होगा. बिहार में जदयू-बीजेपी एक साथ हैं लेकिन झारखंड में दोनों एक-दूसरे के आमने सामने होंगे. नीतीश कुमार की रणनीति को लेकर बीजेपी के नेता भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं.

जदयू में अभी सदस्यता अभियान के साथ संगठन का चुनाव शुरू हो चुका है और अक्टूबर तक पार्टी के सभी पदों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी कर लेगी. ऐसे में देखना है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर की क्या भूमिका तय करते हैं. वहीं, नीतीश, प्रशांत किशोर को केवल झारखंड तक जिम्मेदारी देकर छोड़ देंगे ये कोई मानने को तैयार नहीं है. ऐसा पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मानने को तैयार नहीं है. उन्हें भी लगता है कि नीतीश बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की अहम भूमिका तय करेंगे.

Last Updated : Aug 28, 2019, 9:37 PM IST

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