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23 मासूमों पर आतंक के साये का अंत, जानिए सिलसिलेवार कब-क्या हुआ

यूपी के फर्रुखाबाद में एक सिरफिरे युवक ने अपनी बच्ची के जन्मदिन मनाने के बहाने 23 बच्चों को घर बुलाकर बंधक बना लिया. इस घटना के आरोपी सुभाष बाथम को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. आरोपी की पत्नी को ग्रामीणों पीटा. उसकी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. सभी बच्चों को सुरक्षित घर से निकाल लिया गया है.

पटना
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Published : Jan 31, 2020, 6:44 AM IST

फर्रुखाबाद/ पटना: मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपी सुभाष बाथम को पुलिस ने मार गिराया है. इस बात की पुष्टि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने की है. आरोपी सुभाष बाथम ने 23 बच्चों को बंधक बनाया था. उन्होंने यह भी बताया कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं. आरोपी ने एक टाइप राइटर से एक पत्र टाइप कराया था. इसमें आरोपी ने बताया था कि उसे कॉलोनी और शौचालय की योजना का लाभ नहीं मिला था. यह पूरा घटनाक्रम 10 घंटों तक चला.

दोपहर 3 बजे बच्चों को बनाया बंधक
दोपहर 3 बजे आरोपी ने अपनी बच्ची के जन्मदिन के नाम पर 23 बच्चों को अपने घर बुलाया और बंधक बना लिया. पुलिस ने जब घर में घुसने की कोशिश की तो आरोपी ने फायरिंग कर दी. सिरफिरे ने पुलिस को धमकी दी कि घर को गैस सिलेंडर से उड़ा देगा. इस मामले में सीएम योगी से लेकर पूरा पुलिस प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए था.

तड़प उठी बच्चों की मां

4.30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस

घटना की जानकारी होने पर करीब शाम 4.30 बजे स्थानीय पुलिस पहुंची और बच्चों को बचाने के लिए रेस्क्यू में लग गई. पुलिस ने जब घर में घुसने की कोशिश की तो आरोपी ने फायर कर दिया. इसमें एक ग्रामीण घायल भी हो गया. वहीं शाम 6 बजे के आसपास एसपी भी मौके पर पहुंच गए.

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पांच घंटे बनती रही योजना
रात 7.30 बजे जिलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद बच्चों को बचाने की योजना तैयार की जाने लगी. करीब पांच घंटे तक पुलिस और ग्रामीण बच्चों को बचाने के लिए योजना बनाते रहे. रात 12.30 बजे कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल भी घटना स्थल पर पहुंच गए.

मासूम को बाहर लेकर जाती पुलिस

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शौचालय और आवास के लिए दिया घटना को अंजाम
आरोपी ने सुनियोजित तरीके से पहले ही एक पत्र टाइप करवाया था. इसमें आरोपी ने कॉलोनी और शौचालय न मिलने की बात कही थी. साथ ही पत्र में यह भी लिखा था कि आरोपी ने इस की शिकायत ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी से कई बार की थी, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. वहीं एनएसजी को घटना स्थल पर बुला लिया गया था.

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ग्रामीणों का हमला, पुलिस की रणनीति

पुलिस की योजना के अनुसार रात 1 बजे ग्रामीणों ने आरोपी के घर का गेट तोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने अंदर घुसकर आरोपी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. साथ ही पुलिस ने सभी 23 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. वहीं पुलिस ने आरोपी की पत्नी रूबी को जब घर से बाहर निकाला तो ग्रामीणों ने उसकी पिटाई कर थी. घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया. यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.

आरोपी के मारे जाने की सूचना देती पुलिस

घर बरामद हुआ भारी मात्रा में गोला बारूद
रात 1.30 बजे आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि आरोपी को मार गिराया गया. साथ ही सभी 23 मासूमों को सुरक्षित आरोपी के चंगुल से छुड़ा लिया गया है. आईजी ने यह भी बताया कि आरोपी के घर से भारी मात्रा में गोला, बारूद बरामद किया गया है. उनका कहना है कि बरामद गोला, बारूद इतनी मात्रा में था कि वह कई दिनों तक पुलिस का सामना कर सकता था.

दहशत के 10 घंटेः

  • दोपहर 3 बजे सिरफिरे ने अपनी बच्ची के जन्मदिन के बहाने बच्चों को घर बुलाया.
  • 23 बच्चे घर पहुंचे. उन्हें एक कमरे में बंधक बना लिया.
  • शाम 4.30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से बच्चों को छुड़ाने का प्रयास किया.
  • सिरफिरे सुभाष बॉथम ने फायर कर दिया. इसमें पुलिस कर्मी समेत एक ग्रामीण घायल हो गया.
  • शाम 6 बजे एसपी और रात 7.30 बजे डीएम घटना स्थल पर पहुंचे.
  • 5 घंटे तक सिरफिरे सुभाष को मनाने और बच्चों को छुड़वाने की कोशिश की गई.
  • इस बीच ही रात करीब 10.30 बजे एक 10 माह के दुधमुहे बच्चे को बंधन से आजाद किया.
  • रात 12.30 बजे आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल मौके स्थल पर पहुंचे.
  • रात 1 बजे से रेस्क्यू आपरेशन शुरू हुआ और आरोपी सुभाष को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया.
  • पुलिस ने आरोपी की पत्नी रूबी को घर से बाहर निकाला. उसे ग्रामीणों ने जमकर पीटा.
  • घायल रूबी की भी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई.
  • रात 1.30 बजे तक सभी 23 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया.

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