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विधानसभा का घेराव करने पहुंचे नियोजित शिक्षकों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, कई लोग घायल

आक्रोशित शिक्षकों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए. तो पुलिस ने भी अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों पर पानी की बौछार के साथ लाठीचार्ज किया. देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ा और शिक्षक उग्र हो गए.

पुलिस और शिक्षकों में हाथापाई

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Published : Jul 18, 2019, 6:05 PM IST

पटना:बिहार के नियोजित शिक्षकों ने एकबार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांग को लेकर वह फिर से सड़कों पर उतर आए हैं. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और नियोजित शिक्षकों के बीच हाथापाई भी हुई. पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया. जिससे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने सीएम नीतीश कुमार को अहंकारी बताया.

शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

धारा-144 के कारण नहीं कर सके घेराव
बिहार के नियोजित शिक्षक संघ के आह्वान पर प्रदेश भर से पटना पहुंचे नियोजित शिक्षकों को गुरूवार को विधानसभा का घेराव करना था. घेराव के लिए वह पटना के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर पहुंचे थे. यहां से शिक्षक संघ के आदेश के बाद नियोजित शिक्षक विधानसभा घेराव के लिए जाते. लेकिन, विधानसभा सत्र चल रहा है. इसको लेकर विधानसभा के आसपास धारा-144 लागू है. इस कारण लोगों का झुंड विधानसभा के आसपास इकट्ठा नहीं हो सकते. इसको लेकर जिला प्रशासन ने इन नियोजित शिक्षकों को धरना स्थल गर्दनीबाग में ही रोक दिया.

शिक्षकों ने की नारेबाजी

शिक्षकों ने बरसाए पत्थर, तो पुलिस ने चलाई लाठियां
तभी, आक्रोशित शिक्षकों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए. तो, पुलिस ने भी अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों पर पानी की बौछार के साथ लाठीचार्ज भी किया. देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ा और शिक्षक उग्र हो गए. उन्होंने पत्थरबाजी तेज कर दी, जिसको लेकर पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़ें.

पुलिस और शिक्षकों में हाथापाई

'नीतीश कुमार की सरकार अहंकारी है'
गुस्साए शिक्षकों का कहना है कि नीतीश सरकार उनकी मांग की अनदेखी कर रही है. सीएम अहंकारी हो गए हैं. बता दें कि शिक्षकों और पुलिस के बीच हुई हाथापाई में कई शिक्षकों को चोटें आई हैं. जिस कारण नियोजित शिक्षक और आक्रोशित हो गए. शिक्षकों के साथ बड़ी तादाद में महिला शिक्षक भी इस धरने में पहुंची थी. महिला शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री हमारी एक नहीं सुन रहे हैं. हमें खाने के लाले पड़े हुए हैं और सरकार हम लोग पर ध्यान नहीं दे रही है.

हालांकि, शिक्षकों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि पुलिस को लाठियां चलाने से पहले चेतावनी देनी चाहिए थी. इस तरह बिना आगाह किए कार्रवाई करना गलत है.

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