पटना: बिहार में इन दिनों लगातार क्राइम का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. ज्यादातर घटनाओं में लाइसेंसी हथियार का मामला सामने आ रहा है. चुनाव में लाइसेंसी हथियार बाधा ना पहुंचाया जिसके मद्देनजर हथियार का सत्यापन करना अति आवश्यक हो गया है. बिहार में आगामी महीनों में विधान सभा चुनाव होने वाले है. चुनाव के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी किया कि जिले में रिवाल्वर और पिस्टल लेने वालों के साथ लाइसेंसी हथियार लेने वालों को हथियार का सत्यापन कराना अनिवार्य होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव के मद्देनजर जिले में तमाम हथियारों की जानकारी को अपडेट कर लिया गया है और संभावना जताई जा रही है, कि आगामी दिनों में उसका सत्यापन किया जाएगा. फिलहाल जिला प्रशासन में कोरोना को लेकर आर्म्स सत्यापन की मनाही है.
हथियार का सत्यापन करना अति आवश्यक हथियार रखने का बढ़ा शौक
बता दें कि पटना जिला में ढाई सौ लोगों के पास दो से अधिक हथियार है. पहले के दिनों में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र के लोग ही हथियारों को रखना पसंद करते थे, लेकिन इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों से ज्यादा शहरी क्षेत्र के लोग लाइसेंसी हथियार रखना पसंद कर रहे हैं. पटना जिला के शहरी क्षेत्रों में अब लोगों में आर्म्स का लाइसेंस लेने की इच्छा कुछ वर्षों में बढ़ गई है. उन लोगों ने रिवाल्वर और पिस्टल के लिए लाइसेंस उपलब्द कराया है. आंकड़े के अनुसार जिले में अभी 5 हजार से अधिक पिस्टल और रिवाल्वर के लाइसेंस हैं जबकि एक नाली बंदूक दुनाली बंदूक और राइफल का लाइसेंस कई वर्षों पूर्व भी लिया गया था.
जितेंद्र कुमार, एडीजी पुलिस मुख्यालय लाइसेंसी हथियार का सत्यापन है चुनावी प्रक्रिया
पुलिस मुख्यालय की एडीजी जितेंद्र कुमार की माने तो दंगा में लाइसेंसी हथियार का उपयोग ज्यादातर मामलों में किया जाता है. पुलिस अनुसंधान के दौरान अभी पता लगाने की कोशिश करती है कि इस घटना को अंजाम किस हथियार से दिया गया है. उसकी भी FSL से जांच करवाई जाती है. एडीजी ने बताया कि कितनी घटनाओं में लाइसेंसी हथियार से हत्या किया गया है. लेकिन इसका आंकड़ा तो मेरे पास अभी नहीं है. चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग जैसे-जैसे निर्देश प्राप्त हो रहे हैं उस आलोक में पुलिस मुख्यालय कार्य कर रही है. लाइसेंसी हथियार का सत्यापन भी एक चुनाव का प्रक्रिया है.
जिले में 12000 है वैध लाइसेंस हथियार
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पटना जिले में रिवाल्वर और पिस्टल का लाइसेंस लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पटना जिला में हथियारों के डाटा अपडेट करने के बाद यह बात सामने आई है कि जिले में अभी 12000 वैध लाइसेंस हथियार हैं. इनमें हाल के कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा लाइसेंस रिवाल्वर और पिस्टल के लिए गए है. जबकि एक नाली और दो नाली बंदूक और राइफल के लाइसेंस के लिए काफी कम लोगों ने इच्छा जताई है. कई लोगों ने बंदूक और राइफल को वापस कर दिया है. जानकारी के अनुसार पिछले चार-पांच वर्षों में अधिकांश लोगों ने रिवाल्वर और पिस्टल का ही लाइसेंस लिया है. जबकि इसके पूर्व जिले में एक नाली और दो नाली बंदूक राइफल ही लोग लेते थे. खासकर ग्रामीण इलाकों में बंदूकों को पसंद किया जाता था. क्योंकि इसकी मारक क्षमता दूर तक होती थी लेकिन शहरों में भी अब लोगों में आर्म्स का लाइसेंस लेने की इच्छा कुछ वर्षों में बढ़ गई है.
पुलिस मुख्यालय ने सभी लाइसेंसी हथियार धारकों को सत्यापन कराने का दिया निर्देश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया निर्देश
आर्म्स को अपडेट करने में यह भी जानकारी मिल रही है कि करीब ढाई सौ लोगों के पास दो से अधिक हथियार हैं नए नियम के तहत से 30 दिसंबर तक 2 से अधिक हथियारों को जमा कराने का निर्देश दिया गया है. हालांकि अभी करीब सात-आठ लोग अपने तीसरे हथियार को लौट आया है. क्योंकि इतने ही लोग ने इस बात की जानकारी आर्म्स मजिस्ट्रेट को दी है. उसके साथ यूआईएन नंबर नहीं होने वाले शस्त्र भी अब अवैध हो गए है. आपको बता दें कि यूआईएन नंबर लेने की तिथि 30 जून को ही समाप्त हो चुकी है. कुल मिलाकर बात करें तो बिहार में चुनाव के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने बिहार के सभी जिले के डीएम और एसपी को निर्देश जारी किया है कि सभी लाइसेंसी हथियार धारकों की लाइसेंस की सत्यापन किया जाए. उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव में इन हथियारों से किसी तरह का कोई बाधा न पहुंचे इसके मद्देनजर पुलिस मुख्यालय अलर्ट नजर आ रहा है.