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बड़ा फैसला: लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए अब होगा पुलिस बल का प्रयोग - Formation of Special Cells for Corentin Monitoring

सोमवार को लॉक डाउन की धज्जियां उड़ते देख बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए बल की अनुमित दी है. साथ ही विशेष सेल के गठन करने की भी बात कही है.

बिहार सरकार
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Published : Mar 23, 2020, 2:21 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 2:37 PM IST

पटना: राज्य में 31 मार्च तक लॉक डाउन लागू किया गया है. लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए अब पुलिस बल का प्रयोग किया जाएगा. इस संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी की अध्यक्षता में राज्य के सभी कमिश्नर, डीएम और एसपी के साथ बैठक हुई. सभी जिलों में 5 सेल का गठन किया जा रहा है. इसके अलावा गांव के स्कूलों में भी वायरस के पॉजिटिव या संदिग्ध को रखा जाएगा.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने दी जानकारी

बैठक के बाद स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी. संजय कुमार ने कहा कि लॉक डाउन एक बड़ा विषय है और राज्य के लोगों को भी इसके पूर्व कई जरूरतें पूरी करनी होगी. उनकी सारी जरूरतें पूरी की जा रही हैं. संजय कुमार ने बताया कि सभी डीएम की अध्यक्षता में जिलों में 5 सेल का गठन करने का निर्देश दिया गया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अहम बातें:

  • एक ऐसा सेल होगा जो कोरेंटिन की निगरानी रखेगा.
  • कोरेंटिन में संदिग्धों को 14 दिनों तक निगरानी में रखा जा रहा है.
  • कोरेंटिन में रहने वाले लोगों की ट्रैकिंग करने के लिए दूसरा सेल बनाया गया है.
  • आइसोलेशन वार्ड की समीक्षा करने के लिए एक सेल काम करेगा.
  • जो व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रसित होगा उसके पिछले 15 दिनों के रिकॉर्ड बनाए जाएंगे.
  • जो व्यक्ति कोरोना वायरस को भी ध्यान से ग्रसित हो जाएगा तो पिछले 15 दिनों में वह किन लोगों से मिला है, उसके लिए भी एक सेल का गठन किया जाएगा.

टीम देगी पूरी रिपोर्ट

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मुख्य सचिव ने राज्य के सभी एसपी की अध्यक्षता में एक इनफॉर्मेंट सेल बनाने का निर्देश दिया है. जो राज्य में लागू लॉक डाउन की समीक्षा कर रिपोर्ट देगी. राज्य के सभी एसपी के द्वारा लॉक डाउन को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे. यानी अब अगले 24 घंटे के बाद सड़कों पर आसानी से कोई भी व्यक्ति नहीं निकल पाएगा. सिर्फ आपात सेवा के लिए ही राज्य वासी सड़कों पर निकल सकेंगे. संजय कुमार ने यह भी बताया कि गांव में अगर कोई संदिग्ध पाया जाता है तो उसे स्थानीय सरकारी स्कूलों में रखने की पूरी व्यवस्था की जा रही है. संदिग्धों को कम से कम 15 दिनों तक अलग रखा जाएगा. इसके लिए पंचायत के मुखिया वार्ड सदस्य, आंगनवाड़ी सेविका और आशा वर्करों को शक्तियां प्रदान की गई हैं.

Last Updated : Mar 23, 2020, 2:37 PM IST

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