पटना:बिहार के पटना प्रमंडल (Patna Division) में कुल 7 जिले पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर आते हैं. इनमें से 2 जिले नक्सल प्रभावित (Naxal Affected) हैं. रोहतास का नोहटा प्रखंड क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा है. रोहतास और कैमूर के कई बूथ नक्सल प्रभावित हैं.
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पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के मद्देनजर इन बूथों पर 3 चरणों में पुलिस फोर्स (Police Force) की तैनाती की जाएगी. इन नक्सल प्रभावित बूथों की जिम्मेवारी बिहार सशस्त्र पुलिस बल के जिम्मे होगी. वहीं, इन बूथों के बाहर पेट्रोलिंग की जिम्मेवारी बिहार पुलिस के कंधे पर होगी और स्क्वायड की टीम भी तैनात रहेगी. पटना प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा इन क्षेत्रों में पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से नजर रखी जा रही है. आपराधिक तत्वों के लोगों पर कार्रवाई की गई है. चुनाव के दौरान भी अगर कोई व्यक्ति गड़बड़ी करता नजर आएगा, तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी. गड़बड़ी करने वाले लोगों को चिन्हित भी किया गया है.
पंचायत चुनाव को लेकर रोहतास एसपी के नेतृत्व में छापेमारी की जा रही है. रोहतास और कैमूर की पहाड़ियों में सर्च ऑपरेशन जारी है. रोहतास जिले के अति नक्सल प्रभावित गांव रेहल, नागा टोली, धनसा, बड़का बधुआ, रोहतासगढ़ सहित आधा दर्जन गांवों और जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार रोहतास नक्सल प्रभावित चेनारी विधानसभा के कैमूर विधानसभा पर 20 सालों के बाद कई गांव में पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान वोट डाले गए थे.
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''पटना प्रमंडल के अंतर्गत सभी जिलों में चुनाव को लेकर समीक्षा की गई है. सभी जिला पुलिस अधीक्षक को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के निर्देश दिए गए हैं. चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है. ऐसे लोग सीधा जेल की सलाखों के पीछे होंगे. मतदान के दिन बूथ के अलावा पेट्रोलिंग और फ्लाइंग स्क्वायड की टीम भी तैनात रहेगी, जिसकी मॉनिटरिंग वरीय पुलिस अधिकारी के द्वारा की जाएगी. ताकि, कोई व्यक्ति गड़बड़ी ना कर सकें और आम व्यक्ति निष्पक्ष तरीके से अपने मत का प्रयोग कर सकें.''- संजय अग्रवाल, पटना प्रमंडल आयुक्त