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Poisonous Liquor Death Compensation : पहले चरण में मोतिहारी के 26 और नालंदा के 12 परिवारों को मिलेगा मुआवजा, अन्य जिलों की रिपोर्ट का इंतजार - पटना न्यूज

जहरीली शराब से मौत मामले में अब मृतक के परिजनों को सरकार ने मुआवजा देने की तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री ने इसी साल अप्रैल में मुआवजा देने की घोषणा की थी जब विपक्ष और सत्ता पक्ष की तरफ से इसकी मांग ने जोर पकड़ा था. पहले चरण में जहरीली शराब से मृत 38 आश्रित परिवारों का चयन किया गया है.

poisonous liquor death Compensation
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Published : Jul 7, 2023, 10:35 AM IST

पटनाःबिहार सरकार जहरीली शराब मामले में मुआवजा देने कीशुरुआत मोतिहारी और नालंदा से करने जा रही है. पहले चरण में मोतिहारी शराब कांड के 26 और नालंदा शराब कांड के 12 परिवार को मुआवजा मिलेगा. पिछले दिनों मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा था 1 सप्ताह में जहरीली शराब से मृतक के परिजनों की रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी और मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्हें 4-4 लाख की राशि दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंःBihar Hooch Tragedy: जहरीली शराब मामले में 4-4 लाख मुआवजा, CM नीतीश बोले- 2016 से अबतक के पीड़ितों को मिलेगी मदद

डीएम स्तर से होगा अनुदान राशि का भुगतानः अप्रैल में सरकार की ओर से कैबिनेट में भी मुआवजा देने पर मुहर लगी था और अब 38 ऐसे आश्रितों को जिनके परिजन की मौत जहरीली शराब से हुई है मुआवजा देगी, इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है. जिलाधिकारी के माध्यम से विभाग को आश्रित परिवारों की रिपोर्ट मिली है. इसके बाद विभाग ने अपनी अनुशंसा मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दी है, इसके बाद डीएम के स्तर से अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा.

जहरीली शराब प्रभावित जिलों से मांगी गई रिपोर्टः जहरीली शराब से मौत पर अन्य जिलों से भी आश्रितों की रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आते ही संबंधित जिलों में भी आश्रित परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा. मंत्री सुनील कुमार ने पिछले दिनों कहा था एक अप्रैल, 2016 के बाद जहरीली शराब से मरने वाले मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान दिया जाना है. मुआवजा पाने के लिए पीडि़त परिवारों को अपने जिले के डीएम को लिखित आवेदन देना होगा.

परिजनों को मिलेगी चार लाख की राशिः इस आवेदन में यह लिखना होगा कि वे शराबबंदी के समर्थन में हैं और अन्य लोगों को भी शराबबंदी कानून मानने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके साथ ही वे जहरीली शराब से मौत के मामले में हो रही जांच में भी अपना पूरा सहयोग करेंगे. 17 अप्रैल 2023 से पहले जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई है यदि पोस्टमार्टम हुआ होगा तो सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख की राशि दे देगी लेकिन जिन का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है उनकी जांच डीएम के स्तर पर होने के बाद ही सरकार देने का फैसला लेगी.

अभी नहीं आई है कई जिलों से रिपोर्ट:वहीं 17 अप्रैल 2023 के बाद जहरीली शराब से मौत पर अनुदान पाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देना अनिवार्य है. आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार पहले मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष की तरफ से बढ़ते दबाव के बाद फैसला लेना पड़ा है और इसकी शुरुआत होने जा रही है, लेकिन अभी कई जिलों की रिपोर्ट आना बाकी है.

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