पटनाः महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को मौत के बाद पीएमसीएच में एंबुलेंस नहीं मिलने का मामला तूल पकड़ने के बाद पीएमसीएच प्रशासन ने अब एक नई सुविधा की शुरुआत की है. अब मरीजों की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने पर उसी विभाग में सुरक्षित रखा जाएगा, जहां उस पेशेंट की मौत हुई है. इसकी जिम्मेदारी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को दी गई है. एंबुलेंस मुहैया होने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाएगा.
विभाग ने जारी किया पत्र
इसकी जानकारी देते हुए पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें यह लिखा गया है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को शव वाहन मुफ्त में मिलेगा. पीएमसीएच अधीक्षक राजीव रंजन ने बताया कि अक्सर शिकायत मिल रही थी कि एंबुलेंस नहीं मिलने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
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अस्पताल करेगा शव को भेजने की व्यवस्था
अधीक्षक ने कहा कि इसी परेशानी को देखते हुए यह नई व्यवस्था लागू की गई है. अब ड्यूटी पर तैनात पीओडी, एसडीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह शव को सुरक्षित रखवाएं. परिजनों की सहमति से शव को कहीं भेजने की व्यवस्था की जाएगी. ताकि अस्पताल में आने वाला व्यक्ति यह न समझे कि उसके परिजनों के शव का अनादर किया जा रहा है.
5 एंबुलेंस और पांच शव वाहन की मांग
अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने ये भी बताया कि अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से 5 एंबुलेंस और पांच शव वाहन की मांग की है. इसके साथ ही रेडिमेड मॉर्चरी की भी मांग शीर्ष अधिकारियों से पत्र के माध्यम से की गई है. अधीक्षक ने बताया कि पीएमसीएच में मरीजों का दबाव अधिक रहता है और पीएमसीएच के पास दो ही शव वाहन है. जिसमें एक खराब पड़ा है और दूसरा ट्रैफिक थाने में है. कहीं न कहीं इस कारण यहां आने वाले मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है.