पटनाः बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर पड़ सकता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इससे मरीजों के इलाज में कोई फर्ख नहीं पड़ेगा.
दरअसल, अस्पताल प्रशासन का दावा है कि हड़ताल से निबटने के लिए दूसरे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों से सहयोग मांगा गया है. पीएमसीएच प्रशासन की मानें तो अगर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे तो 50 डॉक्टरों की तैनाती इमरजेंसी से लेकर अलग-अलग वार्डों में किया जायेगा.
जेडीए हड़ताल पर,पीएमसीएच कितना तैयार
पीएमसीएच में राज्य भर के मरीज यहां पर बेहतर इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती हैं. हालांकि इस बार पीएमसीएच प्रशासन ने दावा किया है की जेडीए के हड़ताल पर पीएमसीएच के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अस्पताल प्रशासन ने सिविल सर्जन से 50 डॉक्टरों की मांग की है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखी गयी चिट्ठी
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर भेजा जा चुका है. पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार जैमुआर ने कहा है कि आज सेकंड हाफ से 50 डॉक्टर अस्पताल में काम करना शुरू कर देंगे. जिससे जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का मरीजों के इलाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर जूनियर डॉक्टरों की मांग सही
हालांकि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा है कि जूनियर डॉक्टर अपनी जगह पर सही मांग कर रहे हैं. उनकी सभी मांगों को सरकार को पूरा करना चाहिए. वहां जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे