पटनाः लापरवाही को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) पर एक बार फिर लापरवाही का गंभीर आरोप लगा है. इस बार अस्पताल प्रशासन पर ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीज को अस्पताल से भगाकर आंकड़ों में शून्य दिखाने का आरोप है.
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बताते चलें कि अस्पताल में कई दिनों से ब्लैक फंगस और कोरोना वार्ड में मरीजों की संख्या 0 है. बीते 2 दिनों में अस्पताल में ब्लैक फंगस के 2 मरीज एडमिट हुए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने जबरन उन्हें अस्पताल से भगा दिया और कागज पर लामा दिखा दिया. इसके बाद अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं.
अस्पताल सूत्रों ने ईटीवी भारत संवाददाता को बताया कि अस्पताल में 30 जुलाई की रात को ब्लैक फंगस से संक्रमित रविंद्र सिंह को ब्लैक फंगस वार्ड में एडमिट किया गया. लेकिन एडमिट करने के बाद मरीज का इलाज करने के बजाय अस्पतालकर्मी उसे भड़काने लगे. कहा ये तक जाने लगा कि यहां तो इलाज के जरूरी दवाइयों की भी कमी है.
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वहीं, इससे पहले 21 जुलाई शनिवार को भी ब्लैक फंगस में पवन कुमार नाम की एक मरीज को एडमिट किया गया और रविवार के दिन उसे लामा दिखा दिया. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि यह कोई नई घटना नहीं है. इससे भी इस तरह की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार ही अब तक 15 से अधिक मरीज लामा हो चुके हैं.
बताते चलें कि पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के लिए 70 बेड का वार्ड बनाया गया है लेकिन यहां मरीजों को कुव्यवस्था का सामना करना पड़ता है. ईटीवी भारत इन खबरों को काफी प्रमुखता से दिखाते आया है. ये कई बार देखा चुका है कि मरीजों कई दिनों तक जरूरी दवाओं के बिना रखा गया है.
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बड़ी बात ये कि अब तक सर्वाधिक 15 मरीज केवल पीएमसीएच से लामा हुए हैं. इतना ही नहीं अस्पताल के अधीक्षक ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. कार्यालय में मीडियाकर्मयों के प्रवेश पर रोक है, जो कहीं न कहीं परोक्ष रूप से अस्पताल व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है.
बता दें कि मेडिकल टर्म में लामा होने का अर्थ होता है Leaving against medical advice. यानि बिना डॉक्टर की एडवाइस के और बिना बताए ही मरीज अस्पताल को छोड़कर दूसरी जगहों पर इलाज के लिए चले जा रहे हैं.