पटना:पीएम नरेंद्र मोदी केवल सुनाते हैं, सुनते नहीं हैं. ये बातें राजद के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (PM only narrates not listen Shivanand Tiwari) ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहीं. शिवानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात का सौंवा संस्करण रविवार को पूरा किया. देश भर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, नेता तथा मंत्रियों ने अपने अपने यहां चौपाल लगाकर मोदी जी की मन की बात को सामूहिक रूप से सुना.
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"खूब बोलते हैं! खूब सुनाते हैं लेकिन कभी सुनते नहीं हैं. प्रधानमंत्री के रूप में इनका दूसरा कार्यकाल समाप्त होने को है लेकिन अब तक प्रेस वार्ता इन्होंने नहीं की है. प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की बात तो देश की जनता दिन रात सुन रही है, लेकिन जनता की बात सुनने के लिए नरेंद्र भाई तैयार नहीं हैं"- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, राजद
नियमित प्रवचन करते हैंः शिवानंद तिवारी ने कहा कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो मुख्यमंत्री के रूप में भी उनका प्रवचन नियमित रूप से हुआ करता था. जहां तक मुझे स्मरण है सरकार के पदाधिकारियों के बीच नियमित रूप से वे अपने मन की बात सुनाया करते थे. उनके मन की बातों का संग्रह होता था और किताब की शक्ल में उसको छपवाया जाता था. मेरी नज़र उस पर उस समय गई जब मैंने किसी अख़बार में पढ़ा कि दक्षिण भारत की अनुसूचित जाति के संगठन के लोग नरेंद्र मोदी के प्रवचनों वाली किताब को जलाकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं.
नरेंद्र मोदी की किताब का विरोधः शिवानंद ने कहा कि मेरे मन में उत्सुकता पैदा हुई. आख़िर वह कौन सी बात है जिसको लेकर अनुसूचित जाति के लोग ऐसा उग्र विरोध कर रहे हैं. उस प्रवचन को ढूंढ कर मैंने पढ़ा. वह सिर पर मैला ढोने की प्रथा पर था. उक्त प्रवचन में नरेंद्र भाई ने कहा था कि आख़िर ये लोग पुश्त दर पुश्त ये काम क्यों कर रहे हैं! ऐसा नहीं है कि उनको कभी कोई दूसरे काम का अवसर नहीं मिला होगा. लेकिन इसके बावजूद ये लोग इस काम को छोड़ नहीं रहे हैं. इसलिए कि यह मानते हैं कि सफ़ाई का यह काम उनको ईश्वर ने सौंपा है. इसलिए दूसरे काम का अवसर मिलने के बावजूद पीढ़ी दर दर पीढ़ी इसको भगवान का काम मानकर कर रहे हैं.