पटना:बिहार में कोसी और मिथिलांचल के लोगों का सपना 86 साल बाद पूरा हुआ. पीएम मोदी ने 516 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन किया. इसके साथ ही यात्री सुविधाओं से संबंधित रेल की 12 परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया.
रेल परियोजनाओं का उद्घाटन, Live अपडेट्स:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु को राष्ट्र को किया समर्पित.
- नित्यानंद राय: स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्र था. एक नरेन्द्र ने भारत को विश्व गुरु बनने का सपना देखा था, आज एक नरेन्द्र उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं.
- पीयूष गोयल: 86 वर्षों तक बिहार के निवासी कोसी नदी पार करने के लिये लंबी दूरी की यात्रा करते थे, उनका सफर अब सरल हो गया है. मिथिलांचल व कोसी क्षेत्र को जोड़ने के लिये सुपौल-आसनपुर कुपहा के बीच ट्रेन सेवा का शुभारंभ पीएम मोदी द्वारा किया गया है.
- पीयूष गोयल: कोसी रेलमहासेतु कृषि प्रधान बिहार के विकास में अहम भूमिका निभाने वाला है. इससे प्रदेश की सामाजिक व आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी. यह सेतु सिर्फ दो स्थानों को ही नही जोड़ेगा, बल्कि आपके अपनों को भी नजदीक लायेगा.
- सुशील मोदी: लॉकडाउन के दौरान बिहार के मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए थे, तब आपने मजदूरों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलायीं. 1371 स्पेशल ट्रेन से 19 लाख 72 हजार लोगों को निःशुल्क अपने घरों तक पहुंचाने का काम किया है.
- बिहार ने देश को 8 रेल मंत्री दिए. पर्यटन क्षेत्र को आज के कार्यक्रम से बढ़ावा मिलेगा: सुशील मोदी
- नीतीश कुमार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिवस की बधाई. पूर्व पीएम अटल जी के कारण कोसी महासेतु का सपना साकार हुआ.
- अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कोसी महासेतु का शिलान्यास किया था आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा इसका उद्घाटन हो रहा है. यह हमारे लिए प्रसन्नता की बात है: नीतीश कुमार
- जितना काम 2015 में हुआ उतना कांग्रेस के केंद्र के 10 साल के शासन में नहीं हो सका. यदि 10 साल के कार्यकाल में काम गति से चलता तो यह पहले ही तैयार हो जाता: मुख्यमंत्री
कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन क्षेत्र के लोगों के 86 साल के इंतजार को खत्म करेगा. सालों से लोग रेल महासेतु की मांग कर रहे थे. इससे हजारों लोगों को फायदा मिलेगा.
अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी नींव
दरअसल, वर्ष 1887 में कोसी क्षेत्र में निर्मली और भपतियाही के बीच मीटर गेज लिंक का निर्माण हुआ. बिहार में वर्ष 1934 में आए भूकंप और बाढ़ के दौरान कोसी नदी पर बना रेल पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके साथ ही उत्तर बिहार और पूर्व बिहार के बीच का रेल संपर्क टूट गया था.
निर्माण पर 516 करोड़ रुपये की लागत
बता दें कि 6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कोसी नदी पर रेल पुल की नींव रखी थी. इस सेतु की लम्बाई 1.9 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 516 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसका निर्माण कार्य कोरोना संक्रमण काल के दौरान पूरा हुआ है और इसमें प्रवासी मजदूरों ने भी अपना योगदान दिया है.
कई इलाकों के लोगों को मिलेगा लाभ
इस रेल सेवा की शुरुआत से सुपौल, अररिया और सहरसा जिले के लोगों को बहुत सुविधाएं मिलेंगी. कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसी लंबी दूरी में भी सहूलियत होगी. 17 साल बाद यह पुल बनकर तैयार हुआ है, जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी 12 रेल परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे.