बेंगलुरू/पटना:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है. हालांकि, पीएम मोदी के. संबोधन के बाद इसरो चीफ के सिवन भावुक हो गए. पीएम मोदी ने उन्हें गले लगा लिया और वह भी अपने आंसू रोक नहीं पाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं पूरी तरह आपके साथ हूं, हिम्मत के साथ चलें. इस दौरान उन्होंने इसरो प्रमुख के सिवन की पीठ भी थपथपाई. PM मोदी चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा नजारा देखने के लिए बेंगलूरू स्थित इसरो केंद्र पहुंचे थे.'
पीएम मोदी का संबोधन:
- अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा, 'आप वो लोग हैं जो मां भारती का सिर ऊंचा रखने के लिए पूरा जीवन खपा देते हैं' पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों से कहा, 'आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए, उसकी जय के लिए जीते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जूझते हैं। आप वो लोग हैं जो मां भारती के लिए जज्बा रखते हैं। मां भारती का सर ऊंचा हो, इसके लिए पूरा जीवन खपा देते हैं.
- आज भले ही कुछ रुकावटें हाथ लगी हो लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है, बल्कि और मजबूत हुआ है. आज हमारे रास्ते में भले ही एक रुकावट आई हो, लेकिन इससे हम अपनी मंजिल के रास्ते से डिगे नहीं हैं. आज चंद्रमा को छूने की हमारी इच्छाशक्ति और दृढ़ हुई है, संकल्प और प्रबल हुआ है. इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति एक अलग ही अवस्था में था. बहुत से सवाल थे, बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ते हैं. अचानक सबकुछ नजर आना बंद हो गया, मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है.
- पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि आप लोग मक्खन नहीं पत्थर पर लकीर बनाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि मैं आपके साथ है. देश भी आपके साथ है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ घंटों के लिए पूरा देश चिंतित था. हर कोई हमारे वैज्ञानिकों के साथ खड़ा है. हमें अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैज्ञानिकों पर गर्व है. उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने न केवल हमारे नागरिकों बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक बेहतर जीवन सुनिश्चित किया है.
- परिणामों से निराश हुए बिना निरंतर लक्ष्य की तरफ बढ़ने की हमारी परंपरा भी रही है और हमारे संस्कार भी रहे हैं. हमारे हजारों वर्षों का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है जब शुरुआती रुकावटों के बावजूद हमने ऐतिहासिक सिद्धियां हासिल की हैं. खुद इसरो भी कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है.
- हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं. ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है. विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं. हम निश्चित रूप से सफल होंगे. इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी.