पटना: बिहार में खेल (Bihar Sports News) प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस जरुरत है उन्हें सही दिशा देने और निखारने की. खेल विश्वविद्यालय (Bihar Sports University) बनने से खिलाड़ियों को सही दिशा तो मिलेगी ही, खेल में भी सुधार होगा.
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खेल विश्वविद्यालय खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित होगा. बिहार के खिलाड़ियों को पहले अपनी प्रतिभा निखारने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बिहार सरकार की तरफ से खेल विश्विद्यालय बनाने के लिए हरी झंडी दे दी गई है.
बिहार में खेल विवि के स्थापित होने के बाद बिहार के युवा भी खेल के क्षेत्र में ऊंचाई हासिल कर पाएंगे. बिहार जल्द ही खेल हब के रूप में विकसित होगा. इस विवि से अलग अलग तरह के खेलों में खिलाड़ियों का समुचित प्रशिक्षण का सपना साकार हो पायेगा.
बिहार के कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री डॉ. आलोक रंजन (Minister Alok Ranjan) ने कहा कि बिहार को खेल में बड़ी ताकत बनाने के उद्देश्य से बिहार खेल विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया है.
'बिहार में खेल को लेकर कोई खास माहौल नहीं है. स्कूल से निकलने के बाद छात्र करियर के उलझन को सुलझाने में जुट जाते हैं. उनको लगता ही नहीं है कि स्पोर्ट्स भी कोई करियर हो सकता है. विश्वविद्यालयों में खेल का माहौल न के बराबर है.'- सचिन कुमार,खिलाड़ी
बिहार खेल विश्वविद्यालय बनाने वाला देश का छठा राज्य होगा. इसके पहले गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, असम और पंजाब में इस तरह का विश्वविद्यालय काम कर रहा है. स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में खेल से संबंधित डिप्लोमा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की पढ़ाई होगी.-आलोक कुमार, कला संस्कृति एवं युवा मंत्री, बिहार सरकार
खेल विश्वविद्यालय में प्रारंभिक चरण में शारीरिक शिक्षा, स्पोर्ट्स फिजिक्स, खेल प्रशिक्षण, स्पोर्टस मीडिया, खेल प्रबंधन और खेल प्रशासन संबंधी विषयों की पढ़ाई होगी. बिहार के खिलाड़ियों के लिए ये सुखद साबित होगा. खिलाड़ी यहां पर अपनी प्रतिभा को और निखार सकेंगे.
दूसरे राज्यों में बिहार के भी छात्र अच्छा परफॉर्म करते हैं. अगर खेल विश्वविद्यालय धरातल पर उतर जाए तो निश्चित तौर पर ये सराहनीय फैसला है. खिलाड़ियों की कई परेशानियों का अंत हो जाएगा. साथ ही खेल के प्रति लोग आकृष्ट होंगे.-शुभम कुमार, खिलाड़ी
जानकारी के अनुसार पटना में भी हॉकी स्टेडियम का निर्माण बहुत जल्द कराया जाएगा. 1 साल के अंदर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को धारताल पर उतार दिया जाएगा. अब बिहार के खिलाड़ियों को खेल के लिए बाहर प्रदेश जाने की जरूरत नहीं होगी.
बता दें कि देश के पांच राज्यों में पहले से खेल विश्वविद्यालय हैं. बिहार 6वां ऐसा राज्य होगा जहां खेल विश्वविद्यालय होगा. मंत्री ने खेल विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकरी देते हुए बताया कि खेल विश्वविद्यालय के माध्यम से बिहार के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण से लेकर रोजगार तक की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी. इसके साथ ही उन्हें कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी.
खेल विश्वविद्यालय के बिहार में खुलने से खिलाड़ियों को फायदा होगा. स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनने से खिलाड़ियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा और खिलाड़ी उभरकर सामने आएंगे. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में बिहार का एक भी खिलाड़ी शामिल नहीं है. यह बहुत दुखद है. लेकिन खेल विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से उम्मीद की जा रही है कि 2024 और 2028 में बिहार के खिलाड़ी भी ओलंपिक में अपनी धमक दिखा सकेंगे.
गौरतलब है कि नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) नालंदा जिले के राजगीर में खेल विश्वविद्यालय बनाने जा रही है. इस विश्वविद्यालय में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री से जुड़े कोर्स की पढ़ाई होगी. सभी प्रमुख खेलों से जुड़ा कोर्स शुरू करने की तैयारी है. कोर्स का चयन छात्रों की मांग के अनुसार होगा. जिन खेलों और कोर्स में छात्र अधिक रुचि लेंगे, उसकी पढ़ाई कराई जाएगी.
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